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बच्चों को राजेश पाराशर ने बताया चीते का चरित्र

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– टाईगर भूमि पर रहने वाले जनजाति वर्ग के बच्चो ने समझा चीते का चरित्र
– चीते के लिये चेतना कार्यक्रम का राजेश पाराशर ने किया आयोजन
इटारसी। अब तक आम लोग टाइगर (Tiger) को शेर कहते सुने जाते थे लेकिन अब कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता (Cheetah) के आ जाने के बाद तेंदुआ (Leopard) और चीता में अंतर करना भी नया सामान्य ज्ञान बनने जा रहा है। चीते की रफ्तार तो वाहनों के विज्ञापनों में देखाई जाती रही है, लेकिन 70 साल पहले लुप्त घोषित चीता अब भारत (India) के साथ मध्यप्रदेश की शान बनने जा रहा है। यहां पहले से पाये जाने वाले तेंदुए और चीते में अंतर बताने विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) ने उत्कृष्ट विद्यालय केसला (School of Excellence Kesla) में प्रदर्शनी का आयोजन किया।
टाईगर प्रोजेक्ट (Tiger Project) की स्थली में रहन सहन करने वाले जनजाति वर्ग के बच्चों को राजेश पाराशर ने चीते का चरित्र बताया गया। इसमें चीते, तेंदुए और टाईगर के कटआउट (Cutout) के साथ इनके व्यवहार एवं शारीरिक अंतर को बताया गया। संभागीय उपायुक्त (Divisional Deputy Commissioner) जेपी यादव, सहायक आयुक्त श्रीमती चंद्रकांता सिंह (Assistant Commissioner Mrs. Chandrakanta Singh) के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य एसके सक्सेना ने की। राजेश पाराशर ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य ईको सिस्टम में जीवों की भागीदारी का महत्व समझना और इनके संरक्षण के लिये जागरूक करना था।

चीता और तेंदुआ में अंतर

चीते की खाल का रंग हल्का पीला होता है। तेंदुए की खाल पीले रंग की होती है। चीते की खाल खाल पर काले धब्बे अलग-अलग होते हैं। तेंदुए की खाल पर धब्बे ग्रुप में होते हैं। चीते की खाल खाल पर धब्बों का आकार नहीं होता है। तेंदुए की खाल पर धब्बों का आकार फिक्स एक जैसा होता है। चीते के चेहरे पर धब्बे नहीं होते हैं, उसके बदले में काली लकीर होती है जो आंखों से नींचे तक जाती है। तेंदुए के चेहरे पर काले धब्बे होते हैं। चीते का सिर छोटा और गोल होता है, तेंदुए का सिर बड़ा होता है। चीते की आंखें हमेशा पीली दिखती है। तेंदुए की आंखें चमकीले नीले और हरे रंग की दिखती हैं। चीते की आवाज बहुत महीन होती है, तंदुआ लंबी गुर्राहट के साथ दहाड़ते हैं। चीते पुर्र जैसी आवाज निकालते हैं। चीते घास के मैदान में पाये जाते हैं, तेंदुआ पेड़ों पर रहते हैं और उन पर आराम करते है। चीता कम ताकतवर होता है, तेंदुआ चीता से ज्यादा ताकतवर होता है। चीते समूहों में रहते हैं। तेंदुआ अकेले में रहते हैं।

 

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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