विनोद कुशवाहा
इन दिनों इटारसी शहर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वाधान में स्थानीय संस्कार मंडपम में स्वाधीनता अमृत तथा हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत् 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक 15 दिवसीय रंगमंचीय अभिनय कार्यशाला चल रही है।
इसके तहत् कार्यशाला के पहले दिन 16 सितंबर को कार्यशाला के प्रारम्भ में प्रतिभागियों ने सर्वप्रथम अपना परिचय दिया। तत्पश्चात् फिल्मों एवं थियेटर से जुड़े पवन पालीवाल, नीरज सिंह, कर्मवीर सिंह आदि ने अभिनय की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला पूर्णतः भाव अभिव्यक्ति पर केन्द्रित रही। इतना ही नहीं प्रतिभागियों ने अभिनय में उच्चारण का महत्व भी समझा।
इस कार्यशाला के आयोजन से न केवल नर्मदापुरम संभाग बल्कि महाराष्ट्र की प्रतिभाओं को भी अपनी अभिनय कला को निखारने के लिए निश्चित ही एक मंच मिला है। उल्लेखनीय है कि कार्यशाला में वर्धा से भी कतिपय प्रतिभागी शामिल हुए हैं।
कार्यशाला के अगले दिन प्रियंक नागर , राकेश अहिरवार व सरताज सिंह ने अभिनय के प्रकार बताए । साथ ही समूह बनाकर प्रतिभागियों को दिए गए विषय पर लघु नाटिकाओं का प्रस्तुतिकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। इसी क्रम में राकेश अहिरवार अभिनीत शॉर्ट मूवी ‘पोस्टकार्ड’ का प्रदर्शन भी हुआ। राकेश अहिरवार की इस फिल्म में संवाद नहीं होने के बावजूद उन्होंने अपने अभिनय से बेहद प्रभावित किया। उनके किरदार की संवेदनशीलता ने प्रतिभागियों के दिल को छू लिया। एक अन्य शार्ट मूवी में कार्यशाला के सूत्रधार बी के पटेल ने एक विक्षिप्त पति की कुंठा को बहुत ही प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया। उनके अभिनय को प्रतिभागियों ने महसूस तो किया ही साथ ही उन्हें प्रतिभागियों की सराहना भी मिली।
18 सितंबर को शार्ट मूवी तथा थिएटर से जुड़े कलाकारों एवं निर्देशक मंडल ने कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले नाटकों हेतु कलाकारों का स्क्रीन टेस्ट लिया। प्रतिभागियों को ये भी बताया गया कि अभिनय में प्रभावी संवाद अदायगी जरूरी है। इसके अलावा प्रतिभागियों से सीन वर्क भी कराया गया। अभिषेक सैनी व सीमा पटेल ने अपने अभिनय प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।
19 सितंबर के दिन रविवार को निर्देशक मंडल के नीरज सिंह द्वारा एक अन्य नाटक के लिए शेष प्रतिभागियों का स्क्रीन टेस्ट लिया गया। देश के जाने – माने रंगकर्मी तथा निर्देशक संजय श्रोती ने ग्रुप डिस्कसन के माध्यम से अभिनय के तमाम हिस्सों पर चर्चा की । उन्होंने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिये।
स्थानीय महात्मा गांधी स्मृति महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक दिनेश श्रोती द्वारा प्रतिभागियों से एक लघु नाटिका प्रस्तुत कराई गई। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान भी किया।
आज कार्यशाला बदले हुए समय पर आरम्भ हुई ताकि प्रतिभागियों को बाहर से आने वाले प्रशिक्षकों का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
कार्यशाला में बी के पटेल ने प्रतिभागियों से ‘ भय प्रगट कृपाला ‘ की स्क्रिप्ट पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने अभ्यास भी कराया। राकेश अहिरवार ने संवाद में उच्चारण की महत्ता बतलाई। निर्देशक नीरज सिंह ने उपरोक्त नाटक की रिहर्सल कराई।
उल्लेखनीय है कि प्रतिभागियों में से अनेक प्रतिभागी ऐसे हैं जिन्होंने कई फिल्मों, बेब सीरीज, टी वी सीरियल्स, नाटकों आदि में काम किया है। ऐसी ही एक प्रतिभागी आशिका सोलंकी ने तुझ से है राफ्ता, लाल इश्क , भाभी जी घर पर हैं, राधा कृष्णा जैसे धारावाहिकों में अभिनय किया है। एक अन्य प्रतिभागी हर्षवर्धन राजपूत ने भी गुड़िया हमारी सभी पर भारी, ये हैं चाहतें जैसे प्रमुख धारावाहिकों में काम किया है।
कुल मिलाकर इटारसी में किये जा रहे इस अभिनव प्रयोग की एक लंबे अरसे से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। देश के सुप्रसिद्ध हास्य कवि बी के पटेल, शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार दुबे, वरिष्ठ व्यंग्य कवि भगवानदास बेधड़क के प्रयासों से ही इस कार्यशाला का आयोजन सम्भव हो पाया है।
अब इटारसी के कलाप्रेमियों को उस दिन की प्रतीक्षा है जब इस कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा अभिनीत नाटक ‘भय प्रगट कृपाला’ की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। उपरोक्त नाटक का मंचन नर्मदांचल संभाग के सुपरिचित निर्देशक व रंगकर्मी सरताज सिंह के निर्देशन में किया जाएगा।
विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)