कोलकाता, 19 सितंबर (हि.स.)। अब जेल में बंद संदीप घोष अपने नाम के आगे ‘डॉक्टर’ नहीं लिख सकेंगे और न ही कोई पर्ची लिख पाएंगे। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने गुरुवार को आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया। संदीप इस समय आर.जी. कर अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार और हत्या तथा बलात्कार मामले में सबूत मिटाने के आरोप में सीबीआई की हिरासत में हैं।
राज्य मेडिकल काउंसिल ने अपनी विज्ञप्ति में बताया कि छह सितंबर को संदीप को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इसके बाद चिकित्सा पंजीकृत डॉक्टरों की सूची से उनका नाम हटा दिया गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राज्य इकाई ने मंगलवार को मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा था। वर्तमान में तृणमूल के चिकित्सक नेता सुदीप्त राय राज्य मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष पद पर हैं।
पत्र में उनसे अनुरोध किया गया था कि व्यक्तिगत संबंधों को ध्यान में न रखते हुए संदीप का पंजीकरण रद्द किया जाए। यह भी गौरतलब है कि इस पत्र पर तृणमूल के एक अन्य चिकित्सक नेता शांतनु सेन का भी हस्ताक्षर था। आर.जी. कर अस्पताल में हुए कांड के बाद शांतनु ने खुलकर विरोध किया था। यहां तक कि शांतनु की पत्नी और बेटी को भी आंदोलनकारी चिकित्सकों के समर्थन में देखा गया था।