एक वर्ष से चल रहे गुमटी प्रकरण में सेशन ने ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

Post by: Rohit Nage

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The accused who molested a minor got 04 years of rigorous imprisonment

इटारसी। मृत्युंजय टॉकीज के सामने से करीब एक दशक पूर्व हटाई गुमटी क्रमांक 9 के मामले में सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील को खारिज कर दिया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी इटारसी , मप्र शासन द्वारा कलेक्टर नर्मदापुरम बनाम उर्मिला आर्य पत्नी महेश आर्य 55 वर्ष के गुमटी क्रमांक 9 के प्रकरण में की गई अपील को द्वितीय जिला न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है। मामले में शासन और नगर पालिका की ओर से एजीपी भूरेसिंह भदौरिया ने पैरवी की थी। अब अपील खारिज होने के बाद गुमटी क्रमांक 9 को मृत्युंजय टाकीज के सामने नहीं रखा जा सकेगा, जहां से नगर पालिका ने अतिक्रमण बताकर उसे हटाया था।

एजीपी भूरेसिंह भदौरिया ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में नगर पालिका के पक्ष में निर्णय दिया था। इसके खिलाफ श्रीमती उर्मिला आर्य ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। अपीलार्थी का कहना था कि 1996 को 3 वर्ष के लिए 85 रुपए मासिक किराये पर गुमटी आवंटित की गई थी। गुमटी पर किरायेदार की हैसियत से काबिज होकर नियमित किराया अदा कर रही थीं। इसके बाद किरायेदारी की अवधि बढ़ाकर किराया बढ़ाया जाता रहा है। 7 दिसंबर 2014 में नगर पालिका के आरआई व कर्मचारियों ने गुमटी पर आकर मौखिक रूप से खाली करने को कहा, विरोध करने पर अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया और आवंटन निरस्त करने की जानकारी दी।

नगर पालिका की ओर से कहा गया था कि जहां गुमटी क्रमांक 9 आवंटित की गई थी, वह स्थान मालवीयगंज रोड पर है, जहां 9 अन्य गुमटी रखी हैं, जिसका अनुबंध उर्मिला आर्य ने किया था, जो मार्च 2015 में समाप्त हो चुका है। संपूर्ण मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षा को सुना, शासन और नगर पालिका की तरफ से अधिवक्ता भूरेसिंह भदौरिया द्वारा रखे तर्कों को सही पाया तथा अपील खारिज कर दी है।

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