आरोपी की जमानत(Bail) निरस्त, कोर्ट ने जेल भेजने के आदेश दिये
होशंगाबाद। खुद को सब इंस्पेक्टर (Sub inspector) बताकर पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर तीन लाख रुपए से अधिक की ठगी करने वाले आरोपी की आज न्यायालय से जमानत नामंजूर हो गयी है। आरोपी ने पचमढ़ी निवासी एक युवक के पिता से खुद को पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ होने और उनके बेटे को नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन लाख रुपए से अधिक ले लिये और बाद में बात करना बंद कर दिया। दबाव देने पर वह पैसे वापस करने की बात करने लगा। युवक के पिता ने पीएचक्यू(PHQ) में शिकायत की। पिपरिया एसडीओपी ने जांच की और आरोपी को गिरफ्तार(Arrest) किया गया। उसे कोर्ट में पेश किया जहां उसके जमानत आवेदन को खारिज कर कोर्ट ने जेल भेज दिया है।
ऐसे ठगे रुपए
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, पिपरिया सोहन लाल चौरे(Mohan Laal Chourey) ने बताया कि सुनील कुमार काकोडिय़ा पिता फूलसिंह, 24 वर्ष पता नालंदा टोला पचमढ़ी जिला होशंगाबाद का निवासी है। उसके पिता एक शादी की बात करने छिंदवाड़ा में रमेश इवनाती से मिले थे। उसने वहां बताया था कि वह एसआई(SI) है और वर्तमान में पीएचक्यू भोपाल(PHQ Bhopal) में पदस्थ है। जब युवक के पिता ने कहा कि उनके बेटे का भी एक दो महीने में कॉलेज पूर्ण हो जाएगा तो उसने कहा कि उसे भोपाल भेजना, वहां तैयारी कराके पुलिस में नौकरी लगवा देगा। दो महीने बाद कॉलेज खत्म होने पर युवक सुनील रमेश इवनाती के पास रहने भोपाल चला गया। उसी दौरान पुलिस की वैकेंसी निकलने वाली थी तो रमेश इवनाती सुनील के पिता को कहा कि नौकरी लगवा देगा, तीन लाख रुपए लगेंगे। सुनील के पिता ने रमेश पूरे पैसे दे दिया, इसके बाद और पैसे की मांग की तो लोन लेकर पैसे दिये। इस तरह करीब छह लाख रुपए दे दिये। जब सुनील परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुआ तो उसके पिता ने रमेश से बात की। रमेश कहा कि पास तो हो गया है, बायबा और मेडिकल में पैसे लगना बाकी हैं। जब प्रार्थी को पता चला की बायबा तो होता ही नहीं है, तब शक होने लगा, और आरोपी ने बात करना बंद कर दिया। एक दो महीने में पैसे लौटाने की कहकर टालता रहा। सुनील के पिता ने रमेश इवनाती के विरूद्ध पुलिस मुख्यालय भोपाल में 6 लाख रुपये की ठगी की लिखित शिकायत की जिसकी जांच पिपरिया एसडीओपी(SDOP, Pipariya) ने की। आरोपी रमेश कुमार इवनाती के विरुद्ध धारा 420 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। आरोपी रमेश को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां पर आरोपी की ओर से जमानत आवेदन प्रस्तुत किया।
अभियोजन की ओर से सोहनलाल चौरे, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पिपरिया ने ज़मानत आवेदन का विरोध किया। तर्कों से सहमत होकर न्यायालय जेएमएफसी(JMFC) पिपरिया यश कुमार सिंह(Yash kumar singh) ने आरोपी की ज़मानत को निरस्त कर जेल भेज दिया।