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मप्र में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना हमारा लक्ष्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मुख्यमंत्री ने कोलकाता में उद्योग समूहों के प्रमुखों से की वन-टू-वन चर्चा
भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है, जिससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को फायदा हो, बल्कि बाहरी निवेशक भी प्रोत्साहित होकर मध्यप्रदेश में आकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं। प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रमुखों से निरंतर वन-टू-वन चर्चा विभिन्न मंचों पर की जा रही है। इससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। वन-टू-वन चर्चा से उद्योगपतियों को उद्योग स्थापना में आने वाली दिक्कतों एवं उनके निराकरण पर सकारात्मक चर्चा कर निराकरण भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बातें शुक्रवार को कोलकाता में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में उद्योग समूहों के प्रमुखों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने इस दौरान 31 प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की। उन्होंने वन-टू-वन चर्चा में उद्योगपतियों के सुझाव पर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी बातों पर न केवल गंभीरता से विचार किया जायेगा, बल्कि प्रदेश के विकास के लिये आउट ऑफ द वे जाकर निराकरण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन बैठक के माध्यम से विभिन्न उद्योगपतियों से उनकी आवश्यकताओं, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने राज्य में निवेश की नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रतिबद्धता जताई और सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलकाता के इंटरैक्टिव सेशन में प्रमुख रूप से राजीव मुंद्रा- चेयरमैन जेएमएस माइनिंग, अश्विन जेलोढ़ा- एमडी और सीईओ ओरिएंट पेपर मिल, इंद्रजीत मुखर्जी- वाइस चेयरमैन टेक्स्मॉको रेल और इंजीनियरिंग लिमिटेड, विनोद कुमार गुप्ता- एमडी डॉलर उद्योग, आपरेश अग्रवाल- एमडी रूपा उद्योग, अनुराग चौधरी- सीएमडी एवं अरुण कुमार शुक्ला अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सहित फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक एवं पैकेजिंग, मैटल, केमिकल एवं बैटरी, सीमेंट एवं जूट खनन, आयरन एवं स्टील, पॉवर सीमेंट, नवकरणीय ऊर्जा, अधोसंरचना विकास, रेलवे वैगन एवं उपकरण, पेपर एवं पल्प, टेक्सटाइल, लॉजिटिक्स एवं वेयर हाउसिंग एवं एविएशन, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, पॉलीमर कम्पाउंड, हास्पिटेलिटी, लुब्रीकेंटस, होम केयर एवं ईवी प्रोडक्ट, सौर ऊर्जा, पशु आहार आदि सेक्टर से संबंधित 31 उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। चर्चा में उद्योगपतियों ने भी अपने विचार साझा किए और राज्य में निवेश करने की संभावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विभिन्न उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ाने और नई योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी उद्योगपतियों को राज्य में अधिक से अधिक निवेश करने और सरकार के विकासात्मक एजेंडे में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया।
प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे व संसाधनों पर दिया गया प्रेजेंटेशन
कोलकाता समित में औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बेहतर बुनियादी ढांचे, स्थिर प्रशासनिक समर्थन और निवेशकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों पर प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं तकनीकी संजय दुबे ने प्रदेश में आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश, प्रदेश की नीतियों और उपलब्ध संसाधनों पर प्रेजेंटेशन दिया। उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद के इस महत्वपूर्ण मंच पर लघु, मध्यम उद्यम के क्षेत्र में निवेश, नीतियों तथा विशेष रूप से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के संबंध में विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने जानकारी साझा की। प्रदेश को प्रमुख निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य के विविध पर्यटन स्वरूपों तथा निवेश अवसरों पर वीडियो फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही एडीशनल एमडी, मप्र टुरिज्म बोर्ड बिदिशा मुखर्जी ने प्रेजेंटेशन दिया। प्रदेश में उपलब्ध प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, खनन एवं खनिज क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर एमडी स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन श्री अनुराग चौधरी ने भी प्रेजेंटेशन दिया।
विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश हुए प्राप्त
कोलकाता समिट में खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्राप्त हुए, जिससे 9,450 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद करेगी, बल्कि राज्य को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया
मुंबई, 20 सितंबर (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम विश्वकर्मा योजना की वर्षगांठ के अवसर पर बनाये गये थीम मंडप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत की और उनसे आवश्यक जानकारी ली। यह प्रदर्शनी 21 और 22 सितंबर को जनता के लिए खुली रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को पहचान दिलाने और उनके समग्र विकास के लिए पी.एम.-विश्वकर्मा योजना लागू की गई थी। इस योजना का वार्षिक समारोह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के आकर्षक कार्यों का निरीक्षण करते हुए कारीगरों की सराहना की।
प्रदर्शनी में शामिल कलाकृतियों में उत्तराखंड राज्य से जैम्बुन निशा (माला निर्माता), बिहार से सिंटू कुमार (गुडिय़ा और खिलौना निर्माता), नागालैंड से अखिरिली किरहा (बढ़ई), मध्य प्रदेश से रामनाथ सिंह गुजर (मूर्तिकार), सतीश के.सी. केरल राज्य से. (गोल्डस्मिथ), ओडिशा से सुदीप्त दास (मत्सजले कारीगर), झारखंड से गोपाल माडिया (लोहार), आंध्र प्रदेश से एम. हरिकृष्ण (नाई), छत्तीसगढ़ से कांतिबाई साहू (टोकरी बनाने वाली), असम से उपेन्द्र बरुहा (राजमिस्त्री), तेलंगाना से महराजू लक्ष्मी (धोबी), पंजाब से कमल कुमार (मोची), उत्तर प्रदेश से राजाराम (कुम्हार), जम्मू से अब्दुल और कश्मीर से मजीद भट (नाव निर्माता), महाराष्ट्र से कीर्ति संतोषराव रावेकर (दर्जी), कर्नाटक से शेखरप्पा कम्म (बंदूक), राजस्थान से भोला लौहर (हथौड़ा और टूल किट निर्माता) और गुजरात राज्य से कमलेशभाई परमार (ताला निर्माता) शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव
सियासी जंग में तिरुपति लड्डू ,पशु चर्बी के दावे को पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन ने किया खारिज
- वाईएसआरसीपी और सत्ता पक्ष तेलुगू देशम में जुबानी जंग और तेज
विजयवाड़ा, 20 सितंबर (हि.स.)। तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वाईसीपी प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में विसा होना एक मिथक है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई ऐसा दुष्ट काम कर सकता है। राजनीति के लिए भगवान तक का उपयोग करने की दुष्ट मानसिकता के लिए चंद्रबाबू की कड़ी आलोचना की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन में शुक्रवार को राजधानी अमरावती में तेदेपल्ली में स्थित उनके कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने पूछा कि क्या एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह झूठ से खेलना धर्म है? तिरुमला तिरुपति बोर्ड की सामग्री प्रक्रिया पर जगन ने बताया कि घी आपूर्ति के लिए हर 6 महीने में एक बार टेंडर बुलाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घी की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए परीक्षण प्रक्रियाओं को किसी ने नहीं बदला। उन्होंने कहा कि तिरुमाला लड्डू उसी तरह तैयार किया जा रहा है, जैसे दशकों से बनता आ रहा है।
उन्होंने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक स्वशासी संस्था और राज्य सरकार कभी हस्तस्केप नहीं किया है। सामग्री खरीदने की प्रक्रिया एक सिस्टम से चल रही है। घी लाने वाले प्रत्येक टैंकर को एनएबीएल प्रमाण पत्र लाना होगा।
जगन ने बताया कि प्रत्येक टैंक के नमूनों का तीन बार परीक्षण किया जाएगा और टीटीडी आपूर्ति की अनुमति तभी देगा जब वे तीन परीक्षण पास कर लेंगे। जगन ने कहा कि चंद्रबाबू उस चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं जो हुआ ही नहीं। 12 जुलाई को सैंपल लिया गया। उन्होंने पूछा- तब मुख्यमंत्री कौन थे। उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू जब मुख्यमंत्री थे तब घी के नमूने लिये गये थे। उन्होंने कहा कि घी के नमूने 17 जुलाई को एनडीडीबी को भेजे गए थे। एनडीडीबी ने 23 जुलाई को रिपोर्ट सौंपी। जगन ने पूछा कि अगर 23 जुलाई को रिपोर्ट दी जाए तो चंद्रबाबू ने अब तक क्या किया है। अगर रिपोर्ट 23 जुलाई को आती है, तो यह विडंबना है कि चंद्रबाबू अब बोल रहे हैं। हमारे शासनकाल में घी की गुणवत्ता को लेकर आपूर्ति की गई सामग्री को 18 बार खारिज किया गया।
उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू ने तिरुमाला की पवित्रता को अपवित्र किया है। राज्य के इतिहास में ऐसे हालात कभी नहीं बने. उन्हें कहा की वाईसीपी के सत्ता में आने के बाद तिरुमाला में प्रयोगशालाओं में सुधार किया गया है। वाईसीपी शासन के दौरान तिरुमाला में कई क्रांतिकारी परिवर्तन लाए गए।
जगन ने कहा कि टीटीडी एक स्वतंत्र संगठन है और सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी, उनके ही शासन काल में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आठ तिरुमला तिरुपति मंदिर स्थापित किए गए। बोर्ड का गठन विशेष लोगों के साथ किया गया जिसमें भाजपा के लोग भी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निविदाओं के मामले में अंतिम निर्णय टीटीडी बोर्ड का ही होता है। यहां के फैसलों में सरकार दखल नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि केवल वे लोग ही बोर्ड में होंगे जो भगवान की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वाईवी सुब्बारेड्डी जैसे व्यक्ति के तत्कालीन टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने 45 बार अयप्पा माला पहनी थी।
जगनमोहन रेड्डी ने आरोप लगाए की वर्तमान मुख्यमंत्री वे केवल द्वेषवश कीचड़ फैलाने के लिए ऐसे काम करते हैं। चंद्रबाबू का ऐसी बातें कहना आंध्र प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।'
जगन ने कहा कि वह लड्डू प्रसाद के आरोपों पर प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखेंगे। वे जांच की मांग करेंगे। वाईएस जगन ने आलोचना की कि चंद्रबाबू अपने 100 दिनों के शासन के दौरान लोगों के सामने दोषी बने रहे और चुनावी वादों के कार्यान्वयन में कोई गति नहीं आई। उन्होंने कहा कि चुनावी गोष्ट पत्र के सुपर सिक्स का क्या हुआय़
उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू का जनता से किया गया चुनावी वादा झूठ का पुलिंदा है। चंद्रबाबू ने 100 दिनों तक धोखे से शासन किया। सुशासन वाले स्टीकर चिपकाने के लिए विज्ञापन दिए जा रहे हैं। जगन ने आरोप लगाए की स्वास्थ्य विभाग में उनके शासन काल में ले लाए सुधार को अनदेखी की गई उन्होंने कहा कि आरोग्य श्री, शुल्क प्रतिपूर्ति, गोरू मुद्दा, अम्मा ओडी का कोई कार्यान्वयन नहीं है... 108 और 104 के कर्मचारियों के लिए कोई वेतन नहीं है।
उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू के शासनकाल में किसान सड़क पर आ गये। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र से कोई निवेश सहायता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि सलाहकार परिषदों को खत्म कर दिया गया है और हर किसी भी क्षेत्र में गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि वाईसीपी शासन के दौरान हर योजना की डोर डिलीवरी पारदर्शी तरीके से की गई।
कहा जा रहा है कि टीडीपी शासनकाल में अब जन्मभूमि योजनाओं के जरिए घरों में योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि चोरी का मुकदमा दर्ज कर उन्हें अवैध मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ ध्यान भटकाने वाली राजनीति हो रही है।
जगन ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। कहा जाता है कि आलोचनाओं के बीच ध्यान भटकाने के लिए मुंबई की एक फिल्म अभिनेत्री को मैदान में लाया गया था। कहा जा रहा है कि चंद्रबाबू की बारिश और बाढ़ की समीक्षा नहीं करने के कारण विजयवाड़ा में 60 लोगों की जान चली गयी।
जगन ने आरोप लगाए कि सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए प्रकाशम बैराज को नावों से नष्ट करने की साजिश का नया कहानी चलन में लाने की कोशिश की गई लेकिन वहां भी विफल हुए। केंद्र सरकार ने बालाजी लड्डू की गुणवत्ता के मुद्दे को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। दिल्ली में एक कार्यक्रम में नड्डा ने कहा, “मैंने उनसे (सीएम चंद्रबाबू) बात की। मैंने उनसे कहा कि उनके पास जो जानकारी है वह मुझे भेजें। केंद्र इस संबंध में राज्य को पूरा सहयोग करेगा। हम भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे। हमने अब तक एक रिपोर्ट मांगी है,।
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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव
छत्तीसगढ़ से गया जा रही बस मारकुंडी घाटी में पलटी, एक श्रद्धालु की मौत, 24घायल
सोनभद्र, 20 सितंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ से 60 श्रद्धालुओं को लेकर प्रयागराज होते हुए गया तक जा रही बस सोनभद्र जिले के मारकुंडी घाटी में तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे उसमें सवार 25 श्रद्धालु घायल हो गए, जिसमें से एक की मौत हो गई है। शेष घायलाें का इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिया है इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।
एडीशनल एसपी कालू सिंह ने शुक्रवार को बताया की मारकुंडी घाटी में श्रद्धालुओं से भरी बस तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला के कोलेगांव निवासी चित्रा साहु पुत्र डोलूराम की मौत हो गई है। श्री सिंह ने बताया की छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला के कवर्धा व कोलेगांव के 60 श्रद्धालु बस पर सवार होकर प्रयागराज होते हुए गया के लिए निकले थे। बस आज सोनभद्र जिले के वैष्णो मंदिर डाला पर रूकी थी जहां पर बस के सभी स्टाफ व यात्रियों ने खाना खाया व उसके बाद सभी यात्री बस में बैठकर प्रयागराज के लिए निकल थे। शाम 04:30 बजे बस जैसे ही मारकुंडी घाटी पहुंची तभी एकाएक अनियंत्रित होकर पलट गई। बस पलटने पर सवारियों में अफरातफरी मच गई और लोगों की चीख पुकार शुरू हो गई। घटना की सुचना के बाद मौके पर राबर्ट्सगंज कोतवाल व एडीशनल एसपी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और सभी घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान कोलेगांव निवासी चित्रा साहु का मौत हो गई है शेष घायलों का इलाज चल रहा है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी
तिरूपति के प्रसाद में मांस की मिलावट सनातनियों के प्रति अपराध : देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज
- यूएसए से वीडियो संदेश जारी कर देवकीनंदन महाराज ने जताया रोष, कहा- कितना चुप रहें !
- बोले, सरकार के संरक्षण में करोड़ों सनातनियों की आस्था से कैसे होता रहा खिलवाड़
मथुरा, 20 सितम्बर (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मांस युक्त घी की मिलावट की रिपोर्ट सामने आने पर धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने रोष जताया। उन्होने केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए इस कृत्य को करोड़ों सनातनियों की ‘आत्मा के वध’ करने जैसा बताया। उन्होंने सनातनियों से ऐसे मामलों में चुप नहीं रहने की अपील की है।
देवकीनंदन महाराज इस समय कथा प्रवचन के लिये यूएसए में दो माह के प्रवास पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर तिरूपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जिस तरीके की मिलावट की बातें हम लोगों को सुनाई पड़ रही हैं। यह बहुत दुखद है और आत्मा का वध करने जैसा है। आश्चर्य है कि आज भी आजाद देश में किसी प्रदेश की सरकार के संरक्षण में या उसकी देखरेख में कोई भी सनातियों की भावना से इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकता है।
उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है और हम सब ये जानते हैं लेकिन जिस तरीके की खबरें आ रही है वो ठीक नहीं है। अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर हम सब सनातनियों के साथ बहुत बड़ा आघात हो रहा है। इसके पीछे कौन व्यक्ति हैं यह पता कर दण्डित किया जाना चाहिये ।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम सब सनातनियों को बार-बार कहा जाता है कि शांति रखें लेकिन कोई जूस में मूत्र मिला रहा है। कहीं भोजन में थूक मिल रहा है। प्रसाद में मिलावट मिल रही है। क्या सनातनियों को इसके बावजूद भी चुप होना चाहिए?
धर्मगुरु ने कहा कि संविधान में हमें देव पूजा पद्धिती का सम्मानित अधिकार दिया है लेकिन क्या संविधान में यह भी अनुमति मिली है कि हमारी पूजा पद्धति पर अधिकार प्रादेशिक सरकार का होगा या उस पर कमेटी बनाकर रखी जाए अथवा उसमें मिलावट होगी अथवा उसमें भी कुछ ऐसी चीज मिला दी जाएंगी जिससे सनातनियों का धर्म बर्बाद हो जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश
हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार
मुरैना: वाहनों पर की चालानी कार्यवाही, छह वाहन किए जब्त
मुरैना, 20 सितम्बर (हि.स.)। जिले में संचालित स्कूल वाहनों की जांच अभियान के अन्तर्गत शुक्रवार को अम्बाह एवं दिमनी विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पहुंचकर स्कूल परिसर में खड़े वाहनों का भौतिक निरीक्षण किया गया। वाहनों के दस्तावेजों एवं जरूरी उपकरणों की जाँच की गई एवं मार्ग पर संचालित स्कूल वाहनों की जांच की गई। जांच के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना परिहार, परिवहन आरक्षक जितेन्द्र तोमर एवं होमगार्ड सैनिक सहित कार्यालयीन कर्मचारी उपस्थित थे।
परिवहन विभाग द्वारा चलाए गए जांच अभियान द्वारा वाहनों में बीमा फिटनेस आदि की चैकिंग के अन्तर्गत 67 से अधिक स्कूल वाहनों को चैक किया गया। जिसमें मोटरयान अधिनियम की धारा का उल्लंघन करने पर 15 वाहनों पर चालानी कार्यवाही कर 93 हजार 500 रुपये का राजस्व वसूला गया। कार्यवाही के दौरान भिन्न-भिन्न स्कूलों के नियम विरूद्ध संचालित 06 स्कूल वाहनों को जप्त कर सुरक्षार्थ पुलिस थानों में रखवाया गया। मुरैना जिले के अन्तर्गत संचालित समस्त वाहन मालिकों को सूचित किया है कि वाहन के वैध दस्तावेज पूर्ण होने पर ही वाहन का संचालन किया जाना सुनिश्चित करें। जिससे चैकिंग के दौरान होने वाली असुविधा से बचा जा सकें। वाहन का वैध परमिट ,फिटनेस ,बीमा एवं प्रदूषण प्रमाणपत्र होना चाहियें। चालक, परिचालक का व्यवसायिक लायसेंस वैध होना चाहियें। वाहन में रिफ्लेक्टर टेप, व्हीएलटीडी डिवाईस, जीपीएस, कैमरा, स्पीड लिमिट डिवाईस लगा एवं चालू हालात में होना चाहियें।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा
मुरैना: पगारा बांध में जल स्तर हुआ कम
- सभी स्वचालित गेट हुए बंद
मुरैना, 20 सितम्बर (हि.स.)। क्षेत्र में बारिश बंद होते ही पगारा बांध में जल स्तर कम होने पर बांध के स्वचालित गेट बंद हो गए। कार्यपालन यंत्री राहुल यादव से मिली जानकारी के अनुसार पगारा बांध में जल स्तर क्षमता 654 फीट से अधिक होने पर तीन दिन पूर्व सभी स्वचालित 6 गेट खुल गए थे। 20 सितंबर प्रात: 5 बजे से जैसे-जैसे जल स्तर पगारा बांध में काम होता गया पहले दो गेट बंद हुए फिर 6 बजे के लगभग जल स्तर 653.30 होने पर सभी स्वचालित गेट बंद हो गए।
गौरतलब है कि इस बार क्षेत्र में लगातार जमकर हुई बरसात से पगारा बांध के सभी ऑटोमेटिक गेट 12 वर्ष बाद खुले हैं। पिछले 12 वर्ष में बरसात अधिक नहीं होने से पगारा बांध निर्धारित क्षमता तक भी नहीं भर पा रहा था। लेकिन इस बार निर्धारित क्षमता से अधिक पानी बांध में भरने से स्वचालित गेट 8 दिन में दो बार खुल गए।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा
प्रदेश भर में निकाली गई ‘किसान न्याय यात्रा’, ट्रेक्टर ट्राली लेकर सडक पर उतरे कांग्रेस नेता
भोपाल/ इंदौर, 20 सितंबर (हि.स.)। प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किसान न्याय यात्रा के परिप्रेक्ष्य में शुक्रवार काे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में इंदौर में किसान न्याय यात्रा आयोजित की गई, जिसमें हजारों किसान अपने टैक्टर लेकर रैली में पहुंचे, वहीं बड़ी संख्या में कांग्रेसजन और आम नागरिक भी रैली में शामिल हुये।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश के किसानों के हक की आवाज को बुलंद करने, उन्हें फसलों का समर्थन मूल्य दिलाने और सोयाबीन के भाव 6हजार रुपए प्रति क्विंटल दिए जाने जैसी मांगों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा प्रदेश भर में निकाली गई ‘किसान न्याय यात्रा’ के समापन अवसर पर आज इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पर एक विशाल आम सभा का आयोजन किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने इंदौर में आयोजित किसान न्याय यात्रा को संबोधित करते हुये कहा कि जब तक किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6हजार रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल जाता, तब तक कांग्रेस का संघर्ष यूं ही चलता रहेगा। प्रदेश सरकार किसानों के साथ हमेशा से अन्याय करती आ रही है। किसान कभी खाद-बीज को लेकर तो कभी बिजली को लेकर परेशान है। मंडियों में किसानों की फसलों को औने-पौने दामों में खरीदकर उन्हें लूटा जाता है।
ट्रैक्टरों को शहर की सीमा में घुसने से रोका
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि किसान न्याय यात्रा में शामिल होने आ रहे हजारों ट्रैक्टरों को शहर की सीमा में घुसने से रोक कर प्रदेश की अत्याचारी भाजपा सरकार ने अपना तानाशाही चेहरा उजागर किया है। अनुमति के बाद भी सरकार का यह कृत्य लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाने के समान है, हमनें इस किसान न्याय यात्रा के जरिए भाजपा को किसानों से किया गया उनका वही वादा याद दिलाया है जो उसने ‘मोदी की गारंटी’ के नाम से अपने घोषणा पत्र में किया था। उन्होंने कहा कि अपने वादे से मुकरी प्रदेश सरकार ने, न तो गेहूं का भाव 27साै रुपए न ही धान का भाव 31 साै रुपए प्रति क्विंटल दिया, सोयाबीन का तो लागत मूल्य भी सरकार देने का नाम नहीं ले रही है।
जीतू पटवारी ने कहा कि इस दमनकारी सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि जब तक किसानों को उनकी फसलों का समर्थन मूल्य और सोयाबीन का भाव 6हजार रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल जाता, किसानों के न्याय की यह लड़ाई यूं ही अनवरत जारी रहेगी। अगर सरकार नहीं मानी तो अगले चरण में मंडियों पर आंदोलन होगा और उसके बाद विधानसभा के घेराव के लिए भी सरकार को तैयार रहना होगा। आंदोलन चाहे कितना भी लंबा क्यों न चले, हम तब तक चैन से बैठने वाले नहीं हैं, जब तक किसानों को उनका वाजिब अधिकार नहीं मिल जाता।
पीसीसी चीफ ने कहा कि जिन्होंने वोट देकर आपको मुख्यमंत्री बनाया है, आप इनकी बात जरूर सुनें। जबरन ट्रैक्टर रोकेंगे, दमन करेंगे, तो यह अलोकतांत्रिक कदम होगा। किसानों के न्याय के संघर्ष में मेरे साथियों के रक्त की एक-एक बूंद का हिसाब इस सरकार से लिया जायेगा। श्री पटवारी ने कहा कि किसान न्याय यात्रा में शामिल होने वाले ट्रैक्टर्स को पूरे मध्यप्रदेश में रोका जा रहा है। आज इंदौर में भी पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कर ट्रैक्टर्स रोके हैं। किसान न्याय यात्रा ट्रैक्टर रैली की अनुमति निरस्त कर तानाशाही और हठधर्मिता का परिचय दिया है। श्री पटवारी ने कहा कि किसानों की यह स्थिति चिंता का विषय है। किसानों के अधिकारों और उनकी आवाज को दबाने का यह प्रयास लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। जब किसान अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाते हैं, तो उन्हें सुनना और उनके साथ संवाद करना चाहिए। इस तरह के प्रदर्शन लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, और तानाशाह भाजपा सरकार को उन्हें रोकने के बजाय उनके मुद्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
इस आम सभा में पूरे जिले भर के किसान पूरे जोश-खरोश के साथ अपने ट्रैक्टरों से शामिल होने के लिए निकले थे, लेकिन शहर की सीमाओं पर बैरिकेडिंग कर, उन ट्रैक्टरों को रोक लिया। भारी पुलिस बल के माध्यम से न केवल ट्रैक्टरों, बल्कि किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी रोकने का प्रयास किया गया और केवल एक ट्रैक्टर को ही सभा स्थल तक जाने की अनुमति दी गई। कांग्रेस प्रवक्ता व सांवेर विधानसभा से पार्टी की उम्मीदवार रहीं रीना बौरासी को सांवेर से आते वक्त बारोली फ़ाटे के पास गिरफ्तार कर लिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे
दतिया: केंद्रीय मंत्री बघेल ने पीतांबरा पीठ पहुंचकर मां बगलामुखी के दर्शन किए
दतिया, 20 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल शुक्रवार को दतिया पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्री ने प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ पहुंचकर मां बगलामुखी के दर्शन किए। उनकी यह यात्रा धार्मिक आस्था के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास कार्यों की समीक्षा से जुड़ी मानी जा रही है।
पीतांबरा पीठ में मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा अर्चना के बाद मंत्री ने मंदिर के पुजारियों से आशीर्वाद प्राप्त किया। स्थानीय नेताओं और भक्तों ने भी इस मौके पर उनका स्वागत किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा
तिरुपति बालाजी प्रसाद विवाद पर भड़का संत समाज, उच्चस्तरीय जांच की मांग
हरिद्वार, 20 सितंबर (हि.स.)। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट का मामला गरमा गया है। प्रसाद विवाद पर हरिद्वार के संत आक्रोशित हैं। धर्मनगरी हरिद्वार के साधु संतों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष तथा महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलना सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओ पर कुठाराघात है। भगवान वेंकटेश्वर का दर्शन करने के लिए पूरे विश्व से लोग आते हैं, इसलिए वो आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तत्काल वहां बनने वाले प्रसाद की मात्रा को सीमित करने के साथ ही उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पंचायती बड़ा अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा यह सनातन धर्म को नीचा दिखाने की बड़ी साजिश है।वे सरकार से मांग करते करते हैं कि मामले की जांच कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाये।उन्होंने कहा इस मामले में जगन रेड्डी ही नहीं बल्कि मंदिर न्यास से जुड़े पदाधिकारी भी दोषी हैं।
काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि ये बड़ी ही शर्मनाक घटना है। सरकार को चाहिए कि न्यास के सभी तत्कालीन सदस्यों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे। इसी के साथ बाबा हठयोगी महाराज ने इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराया जाए।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जगन सरकार में तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इस रिपोर्ट के बाद देशभर में इसे लेकर हल्ला मचा हुआ है।संत समाज ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला