इटारसी। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल (Dr. Shyama Prasad Mukherjee Government Hospital) को लगभग छह करोड़ का नया भवन तो मिल गया। लेकिन, यहां के डॉक्टर्स (Doctors), पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical Staff) और अन्य स्टाफ की सरकारी आदतों में कोई बदलाव दिखाई नहीं दिया। काम के तरीके वही हैं। न बिल्डिंग (Building,) के रख-रखाव की तरफ कोई ध्यान है और ना ही मरीजों या उनके परिजनों की मनमानी पर कोई रोकटोक। नतीजा यह कि, पान-गुटखों से नयी बिल्डिंग बदरंग हो रही है। पान, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि के टुकड़े, गुटखा पाउच के खाली पैकेट अस्पताल भवन (Hospital Building) में आसानी से दिख जाएंगे।
अस्पताल में ये सारी चीजें प्रतिबंधित हैं। लेकिन, इसका पालन कौन करायेगा? अस्पताल प्रबंधन (Hospital Management) की ही तो जिम्मेदारी है। उनके कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों को रोकें और उन पर जुर्माना लगायें ताकि लोग इन आदतों से बाज आयें। लेकिन, यहां किसी को कोई सरोकार नहीं है। पान और गुटखा की पीक से सरकारी अस्पताल की दीवारें बदरंग हो रही हैं। खुलेआम तंबाकू का सेवन किया जा रहा है। लोग धूम्रपान पर प्रतिबंध की अनदेखी करने में लगे हैं।
किसी नर्सिंग होम से कम नहीं है भवन
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल का भवन किसी प्रायवेट नर्सिंग होम (Private Nursing Home) से कम नहीं बना है। इसके रख रखाव की ओर ध्यान नहीं दिया तो हालात खराब हो जाएंगे। मरीज और उनके अटेंडर (Attender) गुटखा पाउच खाकर इधर उधर थूककर दीवारों को बदरंग कर रहे हैं, सफाई व्यवस्था पर भी प्रबंधन का ध्यान नहीं है।
इनका कहना है…
अस्पताल के बड़े भवन में सब ओर नजर रखना कठिन है। रोगी कल्याण समिति की अगली बैठक में हम अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव रखेंगे। कैमरे लग जाएंगे तो निगरानी ठीक से हो सकेगी।
भरत वर्मा, विधायक प्रतिनिधि