- – आज रात देवल मंदिर में भगवान श्रीराम का विवाह होगा
- – श्रीराम विवाह के साथ 21 सामूहिक विवाह भी संपन्न होंगे
- – जगह-जगह भक्तों ने किया रामजी की बारात का स्वागत
इटारसी। श्री देवल मंदिर काली समिति के तत्वावधान में श्रीराम विवाह महोत्सव एवं निशुल्क सामूहिक विवाह के अंतर्गत आज श्री द्वारिकाधीश मंदिर से श्रीराम बारात और 21 दूल्हों की बारात एक साथ निकाली गयी। श्रीराम विवाह एवं नि:शुल्क सामूहिक विवाह उत्सव के लिए श्री देवल मंदिर पुरानी इटारसी को रोशनी और परंपरागत तरीके से सजाया गया है।
श्री राम विवाह महोत्सव की ऐतिहासिक बारात श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक से प्रारंभ हुई जो 3 किलोमीटर की यात्रा करते हुए देवल मंदिर पुरानी इटारसी पहुंचेगी। वहां पर प्रभु श्री राम का सीता जी के साथ विवाह होगा एवं सामूहिक विवाह भी होंगे। श्री द्वारिकाधीश मंदिर समिति ने सामूहिक विवाह में शामिल दूल्हे राजाओं का स्वागत किया। मंदिर समिति के सचिव शैलेश नंदकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष प्रमोद पगारे, श्री द्वारिकाधीश युवा मंडल के अध्यक्ष विपिन चांडक, मंदिर समिति के प्रबंधक दिनेश सैनी ने भगवान बने पात्रों का पुष्पहारों से स्वागत किया एवं उनकी आरती उतारी।

बता दें कि मंदिर की काली समिति 1984 से यह आयोजन कर रही है और करीब दो हजार से अधिक कन्याओं के निशुल्क विवाह कराये जा चुके हैं। समिति की ओर से दूल्हा-दुल्हन को कपड़े, जेवर व गृहस्थी का सामान भी दिया जाता है। इस आयोजन से वर-वधू दोनों पक्ष विवाह में फिजूलखर्ची से बच जाते हैं। रात 12 बजे होगा पाणिग्रहण संस्कार कार्यक्रम में मप्र के अलावा दूसरे राज्यों से साधु-संतों का आगमन होने लगा है। वर-वधु दोनों पक्षों के स्वजन भी मंदिर में पहुंच गये हैं। दिन में यहां हजारों लोगों ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया। पूरा मंदिर और पुरानी इटारसी उल्लास और उमंग में डूबी हुई है।
बारात श्री द्वारिकाधीश मंदिर से जयस्तंभ होकर, एमजी रोड, ओवरब्रिज होकर पुरानी इटारसी स्थित देवल मंदिर पहुंचेगी। देवल मंदिर में बारात स्वागत, वरमाला, पाणिग्रहण संस्कार होगा। सोमवार 18 दिसंबर की सुबह विदाई समारोह होगा। ऐसा होता है आयोजन भगवान राम की करीब 3 किमी लंबी बारात में घोड़े, बग्गी, दुलदुल घोड़ी, अखाड़े, रामसखियां, बैंड पार्टियां आकर्षण का केन्द्र रहीं। एक बग्गी में राम दरबार सजाया गया, साथ में सभी दूल्हे राजा बारात लेकर जनकपुरी देवल मंदिर बारात लेकर पहुंचेंगे। यहां राजा राम और बारात की अगवानी होगी।
मंडप में नवयुगल भगवान राम एवं सीता के साथ एक ही मंडप में फेरे लंगे। इस अनूठे आयोजन में देश भर के अखाड़ों से जुड़े साधु-संत एवं विद्वान शामिल हो रहे हैं। इस परंपरा की शुरूआत महंत पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने कराई थी। पूरे आयोजन की बागडोर जयप्रकाश पटेल पटेल एवं युवाओं की टीम संभालती है। समिति पूरी गृहस्थी का सामान, उपहार एवं जेवर सभी जोड़ों को भेंट करती है।