नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे वहां के प्रशासन की कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। उन्होंने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है।
इस्कॉन ने या अन्य हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीडऩ के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की हैं, समस्त लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने प्रदर्शन किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं, इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है। श्री बागड़ा ने कहा कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं।
दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी जैसी रोक लगानी चाहिए थी, ऐसी रोक नहीं लगाई है। विश्व हिंदू परिषद पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गंभीरता को समझें और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए। विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परंतु, एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीडऩ पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को उनके संज्ञान में ले, बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीडऩ को रोके। हम तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की मांग करते हैं और किसी भी प्रकार के हिंदू नेता को, हिंदू पुजारी को, धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, यह अपेक्षा भी करते हैं।