इटारसी। मानसून सिर पर है, और नागरिकों की चिंता आज भी वहीं है कि आखिर बारिश के दौर में फिर उनके सामने एक ही रास्ता बचेगा जो ओवरब्रिज होकर औद्योगिक क्षेत्र, नर्मदापुरम और अन्य पूर्व के ग्रामीण अंचलों के लिए सहारा बनेगा। वर्तमान में ओवरब्रिज को मिलाकर तीन रास्ते हैं, जिनमें अंडरब्रिज नई गरीबी लाइन और न्यास बायपास के पेट्रोल पंप के साइड से रेलवे पुल के नीचे से खेड़ा होकर हाईवे पर जाने के लिए है।
बंद हो जाएगा पुल के नीचे से निकलना
बारिश के दौर में रेलवे पुल के नीचे से निकलना संभव नहीं होगा, क्योंकि वहां कच्चा रास्ता और काली मिट्टी का फिसलन भरा मार्ग है। ज्यादा बारिश होने पर ये पहाड़ी नदी में अधिक पानी बहता है तो यह रास्ता भी पूरी तरह से बंद हो जाता है। रेलवे ने इस रास्ते पर कांक्रीट रोड बनाने की अनुमति नहीं दी है, जबकि खेड़ा हाईवे से पुल के पूर्वी हिस्से तक और न्यास बायपास से पुल के पश्चिमी हिस्से तक सीसी रोड बनकर तैयार है। केवल पुल के नीचे कच्चा है, जो बारिश में पूरी तरह से बंद हो जाता है।
जरा सी बारिश में बंद होता अंडरपास

नई गरीबी लाइन का अंडर पास दस माह तो लोगों के लिए आवागमन का अच्छा मार्ग साबित होता है, बस मानसून के चार में दो माह तेज बारिश के समय यह पूरी तरह से बंद हो जाता है। निकास के अभाव में इसमें एक बार जोरदार बारिश के बाद कई-कई दिन पानी भरा रहता है। रेलवे पंप के जरिए पानी निकालती है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान का प्रयास नहीं किया जाता है। देश के अन्य कई स्थानों पर ऐसे अंडरपास के दोनों ओर शेड बनाये गये हैं ताकि ब्रिज वाले हिस्से में पानी न भरे, यहां ब्रिज से आवागमन प्रारंभ हुए कई वर्ष हो गये, लेकिन रेलवे ने कभी इस तरह के प्रयास नहीं किये।
एकमात्र ओवरब्रिज ही सहारा
बारिश में दोनों वैकल्पिक रास्ते बंद हो जाने के बाद नागरिकों को केवल ओवब्रिज ही एकमात्र सहारा बचता है। ये दोनों रास्ते बंद होने से राहगीरों को लंबा फेर लगाकर अपने गंतव्य के लिए ओवरब्रिज से आवागमन करना पड़ता है। लगातार आबादी बढऩे और वाहनों की संख्या बढऩे के बाद शहर को ऐसे वैकल्पिक मार्गों की महती आवश्यकता है। सोनासांवरी रेलवे चौकी के पास बन रहे ओवरब्रिज को पूरा होने में अभी कुछ साल और लगेंगे, ऐसे में इन दोनों रास्तों को सालभर चालू रखने के प्रयास करने होंगे। नई गरीबी लाइन के अंडरब्रिज पर दोनों ओर शेड हो जाए तो काफी राहत हो सकती है।