– कलियुग के साक्षात देवता हैं श्री पवन पुत्र हनुमान
– शनिवार होने के कारण शनि देव की भी पूजा होगी
इटारसी। चैत्र मास स्नान दान व्रत पूर्णिमा शनिवार 16 अप्रैल को रामभक्त हनुमान (Hanuman) का प्रकटोत्सव इस बार कई शुभ योगों के बीच मनाया जाएगा।
मां चामुण्डा दरबार भोपाल (Maa Chamunda Darbar Bhopal) के पुजारी गुरू पं. रामजीवन दुबे के अनुसार हनुमान जी की पूजा के विशेष दिन मंगलवार और शनिवार होते हैं, और संयोगवश इस दिन शनिवार है। इसी दिन हर्षण और रवि योग भी रहेगा। बजरंगबली (Bajrangbali) का जन्म चित्रा नक्षत्र में हुआ था, इस दिन सुबह हस्त नक्षत्र 8:38 तक रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन सुबह 8:05 तक रहेगा। पवनपुत्र के जन्म के समय जैसे कई के शुभ योग इस बार भी रहेंगे, जो इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होंगे। प्रकटोत्सव पर की गई हनुमत आराधना विशेष फलदायी रहेगी।
माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने पवन पुत्र हनुमान के रूप में जन्म लिया था। हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं। इसके साथ ही हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa), सुंदर कांड (Sundar Kand), रामायण (Ramayana) के साथ-साथ बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करें। अंत में विधिवत तरीके से स्तुति के साथ आरती करें। श्री हनुमान मंदिरों में धूम-धाम से चल समारोह के साथ भंडारे होंगें। श्री हनुमान चालिसा का सात बार पाठ करके सात परिक्रमा करने से मनोकानाएं पूरी होतीं हैं।
राशियों के अनुसार पूजा और भोग
मेष- लाल पुष्प, सिंदूर चढ़ाएं, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
वृषभ- तुलसीपत्ती, फल चढ़ाएं, सफेद व लाल पुष्प से पूजा करें।
मिथुन- पीले रंग की मिठाई, लाल व पीले पुष्प चढ़ाएं।
कर्क -हलवे का भोग लगाए, हनुमान जी को सिंदूर व इत्र लगाएं।
सिंह-लाल पुष्प और लाल रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
कन्या- हनुमान प्रतिमा पर सिंदूर लगाकर चांदी का वर्क लगाए।
तुला- बूटी व मगद के लड्डू व जनेऊ चढ़ाएं।
वृश्चिक- चोला चढ़ाकर चना, चिरौंजी, पेड़े का भोग लगाएं।
धनु- तुलसी के बीज, जनेऊ और पीले पुष्प चढ़ाकर पूजन करें।
मकर- शुद्ध घी का दीपक जलाकर आरती करें।
कुुंभ- लाई और चने का भोग लगाए, सुंदरकांड पाठ करें।
मीन- लौंग, इलायची, बादाम, मिश्री का भोग लगाकर पूजन करें।