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इटारसी में पक्के मकानों-दुकानों में अनिवार्य होगा वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, नहीं लगाया तो 10 हजार का जुर्माना

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  • – पायलट प्रोजेक्ट के तहत वार्ड 17 व 33 में नागरिकों को वाटर हार्वेस्टिंग के लिए आधी राशि विधायक निधि से मिलेगी
  • – 500 वर्गफीट से अधिक भूखंड पर बने मकानों के लिए अनिवार्य हुआ वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

इटारसी। बरसात की एक-एक बूंद पानी को सहेजने के लिए विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने नगरपालिका व प्रशासन को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे को निर्देशित किया है वे शहर में वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करें। इसके बाद नपाध्यक्ष श्री चौरे ने इसे अनिवार्य करना तय कर दिया है।

नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने बताया कि बीते दिनों विश्राम गृह में विधायक डॉ शर्मा ने एसडीएम, नपा जलकार्य सभापति श्रीमती गीता देवेंद्र पटेल, नपा अधिकारियों, सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें तय किया कि जल संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रत्येक 500 वर्गफीट से अधिक भूमि पर बने पक्के मकानों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। वहीं पायलट प्रोजेक्ट के तहत वार्ड 17 और 33 में प्रत्येक घर में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा।

यहां पर सिस्टम लगाने के लिए विधायक निधि से आधा पैसा दिया जाएगा और आधा पैसा मकान मालिक को खर्च करना होगा। बाकी शहर में नागरिकों को अपने व्यय पर ही सिस्टम लगाना होगा। यदि वे नहीं लगाते हैं तो 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद नपा यह सिस्टम उनके घर पर लगाएगी, जिसकी राशि संपत्ति कर में जोड़कर वसूली जाएगी।

नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने बताया कि होटल, बारात घर, प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूल और दुकनों, मॉल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य बनाने होगा। पार्कों में बनेंगे सोख पिट- नपाध्यक्ष श्री चौरे ने बताया कि बैठक में तय हुआ है कि पार्कों में सोख पिट बनाए जाएंगे, जिसमें बरसात का पानी भेजा जाएगा। इसके अलावा नए बन रहे नालों में गडढे छोडे जाएंगे, जिसमें ग्रेवल भरी जाएगी, जिससे पानी छनकर जमीन में जा सके।

वाटर हार्वेस्टिंग के कई फायदे हैं

  • – जल संचयन : वाटर हार्वेस्टिंग से वर्षा जल को एकत्र करके भविष्य में उपयोग के लिए संग्रहित किया जा सकता है।
  • – भूजल स्तर में वृद्धि : वाटर हार्वेस्टिंग से भूजल स्तर में वृद्धि होती है, जिससे पेयजल की उपलब्धता बढ़ती है।
  • – जल संकट में कमी : वाटर हार्वेस्टिंग जल संकट को कम करने में मदद करती है, खासकर सूखे या कम वर्षा वाले क्षेत्रों में।
  • – बाढ़ नियंत्रण : वाटर हार्वेस्टिंग से वर्षा जल को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे बाढ़ के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • – पर्यावरण संरक्षण : वाटर हार्वेस्टिंग से जल संसाधनों का संरक्षण होता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • – आर्थिक लाभ : वाटर हार्वेस्टिंग से जल बिल में कमी आती है, और यह एक लागत-प्रभावी समाधान है।
  • – कृषि में लाभ : वाटर हार्वेस्टिंग से कृषि में जल की उपलब्धता बढ़ती है, जिससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  • – वाटर हार्वेस्टिंग एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में मदद करती है।

इनका कहना है

भूमिगत जल तेजी से नीचे जा रहा है। आने वाली पीढ़ी को जल उपलब्धता करना हमारा कर्तव्य है। इसके लिए हमनें तय किया है कि इटारसी में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्य होगी। नगरपालिका अध्यक्ष और अधिकारियों को इसके लिए जरुरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

डॉ सीतासरन शर्मा, विधायक

विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बैठक की थी। जिसमें उन्होंने हमें निर्देशित है कि वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करें। जिसके बाद हम इसे अनिवार्य कर रहे हैं।

पंकज चौरे, अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद इटारसी

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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