बौद्धिक संपदा से छात्राओं को जोडा जाएगा

Post by: Poonam Soni

बौद्धिक संपदा पर वेबीनार का आयोजन

होशंगाबाद। शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय (Government Home Science College) में शनिवार को बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) पर बेवीनार का आयोजन किया गया। यह बेवीनार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश आउटम इंटीकेटर 3 द्वारा दी गई गाइडलाइन के तत्वाधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. एनके चैबे सीनियर साइंटिस्ट इंटीलेक्चवल प्रापर्टी फेशीलेशन सेंटर, पेटेन्ट इंफरमेंशन सेंटर एण्ड टेक्नाॅलाजी सेंटर भोपाल एवं विशिष्ट वक्ता डॉ. रवि उपाध्याय प्रोफेसर महाविद्यालय पिपरिया, जिला संयोजक डॉ. अरुण सिकरवार, नेक समन्वयक डा. रश्मि श्रीवास्तव एवं अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन उपस्थित रहीं।
प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने कहा कि विशिष्ट वक्ता के माध्यम से विद्यार्थियों को बौद्धिक संपदा जैसे विषय से साक्षात्कार करवाया जाएगा उक्त विषय से विद्यार्थियों को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य है कोरोना कॉल में हम अपनी बौद्धिक क्षमता को सहज कर ज्यादा से ज्यादा बौद्धिक क्षमता में वृद्धि एवं ज्ञानार्जन कर सकें उन्होने महाविद्यालय के निर्भया हर्बल उत्पादन को पेटेंट कराने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों से जानकारी मांगी।

सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एनके चैबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि पारंपरिक ज्ञान है जो हमारे समाज की संपदा है प्रॉपर्टी राइट्स अधिकारों का बंडल है मध्य प्रदेश को पेटेंट फूड स्टेट बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया पेटेंट के अर्थ एवं उसके एकाधिकार को समझाते हुए बताया कि पेटेन्ट की सम्पूर्ण जानकारियों हेतु भोपाल स्थित पेटेन्ट इनफरमेशन सेंटर भोपाल को साझा किया जा सकता है।

डॉ रवि उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि बौद्धिक संपदा हमारी अपनी संपदा है सार्वजनिक चीजों पर हम पेटेंट नहीं कर सकते। रायल्टी तथा पेटेन्ट का फार्म भरते समय हमें क्या सावधानियाॅ रखनी चाहिए तथा महाविद्यालय में उपस्थित हर्बल उद्यानों के पेड़ पौधों को कैसे पेटेन्ट किया जा सकता है इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी साझा की। भारत सामाजिक राष्ट्र है यह प्रक्रिया को एक महत्व दिया जाता है परिणाम को नहीं। वेबीनार का सफल संचालन डाॅ. अरुण सिकरवार ने एवं आभार डाॅ.रश्मि श्रीवास्तव ने किया।

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