- पंकज पटेरिया

निदा फाजली साहब का मशहूर शेर है, सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो। और बिना किसी से अपील करे नर्मदा पुत्र और और पूरे मध्य प्रदेश में पांव-पांव मामा के नाम से प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा से पदयात्रा का शंखनाद कर दिया है।
सुखद यह है कि उनके साथ उनकी पत्नी सौभाग्यवती साधना सिंह चौहान, पुत्र कार्तिकेय और बहू सौभाग्यवती अमानत भी सहर्ष यात्रा कर रहे हैं। मजे की बात यह है शिवराज जी के साथ क्षेत्रवासी भी अपनी मर्जी से खुशी-खुशी उनके सफर में हमसफर बने हुए हैं। श्री चौहान अपने विदिशा संसदीय क्षेत्र की चार-पांच दिन की इस पदयात्रा के बाद देश प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे ही पदयात्रा करेंगे।
शिवराज जी की यात्रा का उद्देश्य है, केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार। लोगों की समस्याओं का समाधान और आत्मनिर्भर भारत का संदेश जन-जन तक पहुंचाना। आज हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश निर्भरता और समग्र विकास की ओर तेजी से अग्रसर है। यूं यह धुन के धनी शिवराज जी की पदयात्रा के पहले पहल नहीं है, तो मुझे याद है मैं नर्मदापुरम में उन दिनों मैं एक अखबार का संवाददाता था।
शिवराज जी ने तत्कालिक सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने संसदीय क्षेत्र सिरोंज से पदयात्रा निकाली थी। उसी दौरान वे होशंगाबाद जेल में बंद किए गए कुछ बेगुनाह आंदोलनकारी नेताओं से मिलने भी गए थे। और उनके पक्ष में आवाज बुलंद की थी। उसके बाद विधायक रहते हुए अपने क्षेत्र की अनेकों बार उन्होंने पैदल यात्रा कर लोगों के हाल चाल जाने, उनकी समस्याएं सुनी। और उसके निराकरण भी किए।
उसके बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद विशाल नर्मदा सेवा यात्रा का आगाज शिवराज जी ने किया था। उसी दौरान मध्य प्रदेश के गांव देहात बड़ी गर्म जोशी से अपने प्रिय नेता शिवराज भैया के स्वागत में जो उत्साह उल्लास था अद्भुत था। लोग बड़े सबेरे से उठ जाते थे एक दूसरे से बतियाते रहते थे शिवराज भैया आ रहा है स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं रहे। लोग जोश खरोश से सड़कें साफ करते, लीपा पोती करते महिलाएं रंगोली डालती। जगह-जगह वंदनवार, स्वागत द्वार, रंग बिरंगी झंडियां, लोग अपनी मर्जी से लगा कर खुश होते।
इस पत्रकार ने स्वयं अपने अनुभव नर्मदा सेवा यात्रा के एक वार्ता में दूरदर्शन भोपाल केंद्र पर उद्घोषक तपस्या तोमर के साथ साझा किये थे। मुझे याद है कि तभी शिवराज जी ने नर्मदा जी को जीवित इकाई के रूप में माने जाने की घोषणा की थी एवं पावन नर्मदा जी के स्वरूप को सदा निर्मल और अविराम बनाए रखने के लिए कुछ योजनाएं भी कार्यान्वित करवाई थी। जिसमें संपूर्ण नर्मदा क्षेत्र में वृक्षारोपण योजना प्रमुख थी।
उन्होंने भी एक वृक्ष रोज लगाने का संकल्प लिया था। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक डॉ सीतासरन शर्मा बताते हैं कि शिवराज जी में युवकों जैसा उत्साह है, स्पूर्ति है। वे हंसते गाते भजन गाते आज भी 20-25 किलोमीटर पदयात्रा करते हैं। सियासत चश्मे से ना देख कर यह यात्रा बेशक व्यापक जनहित और देशहित में एक मिसाल कायम करेगी।
नर्मदे हर, वंदे मातरम।
पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार , कवि
संपादक शब्द ध्वज