इटारसी। जैसे ओडीएफ के वक्त माहौल तैयार कर ग्रामीणों को खुले में शौच करने से रोका गया और उनकी मानसिकता तैयार की गई थी, वैसे ही अब ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) में भी लोगों को जागरुक कर एक माहौल बनाने की आवश्यकता है जिससे ग्रामों को ओडीएफ प्लस किया जा सके। यह सुझाव जिला पंचायत होशंगाबाद द्वारा आयोजित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर दो दिवसीय संभागीय कार्यशाला में आये हैं। कार्यशाला का शुभारंंभ नेशनल हाईवे पर स्थित प्लेटिनम रिसोर्ट में किया।
कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री, होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के 65 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। प्रशिक्षण चेतन अत्रे एवं लेनिन जेकब ने दिया।
कार्यशाला का शुभारंभ जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय श्रीवास्तव एवं कार्यपालन यंत्री कुबेर सिंह मिर्धा ने दीप प्रज्वलन कर किया। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय श्रीवास्तव ने कहा कि जैसे ओडीएफ के समय एक माहौल बनाकर ग्रामीणों का व्यवहार परिवर्तन कर खुले से शौच मुक्त किया इसी प्रकार ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में भी लोागों को जागरुक कर एक माहौल बनाने की आवश्यकता है जिससे ग्रामों को ओडीएफ प्लस किया जा सके।
कार्यपालन यंत्री कुबेर सिंह मिर्धा (Executive Engineer Kuber Singh Mirdha) ने बताया कि प्रत्येक ग्राम में एक ठोस कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है जिसमें ग्राम स्तर पर समिति बनायें, ग्रामीणों को जागरुक करें, ग्राम पंचायत की निरंतर बैठकें हों जिसमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिये लोगों को जागरुक करें। ग्रामीण क्षेत्र में बनाये जा रहे संरचना में स्थान का सही चयन होना चाहिए जिससे कि ग्रामीण स्तर पर निर्मित संरचनाओं का सही उपयोग हो सके। रिसोर्स पर्सन चेतन अत्रे (Resource person Chetan Atre) ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में ग्रे, यलो, ब्लेक, कमर्शियल वॉटर की जानकारी दी जिसमें तरल अपशिष्ट की आवश्यकता क्यों है, इसके सिद्धांत और लाभ के बारे में बताया। लेनिन जेकब ने तकनीकी मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला के प्रथम दिन जिला समन्वयक प्रीति वरकड़े (District Coordinator Preeti Varkade) ने प्रतिभागियों एवं रिसोर्स पर्सन का आभार व्यक्त किया।