ये जज्बा जीत का…डर नहीं समझदारी दिखाने की जरूरत है

ये जज्बा जीत का…डर नहीं समझदारी दिखाने की जरूरत है

कोरोना से जीते परिवार की लोगों से अपील

इटारसी। एक परिवार के सात सदस्य, महज एक हफ्ते में ही कोरोना वायरस की चपेट में आ गये। नाम सुनते ही यह डरावना था। लेकिन, हिम्मत नहीं हारी और साहस से इस विपरीत परिस्थिति का सामना किया। आज वे पूरी तरह से स्वस्थ हो गये हैं और उनका संदेश है, कि ऐसी स्थिति में डर नहीं, बल्कि समझदारी दिखाने की जरूरत है। समझदारी भी केवल इतनी कि समय रहते जांच कराएं ताकि जल्द से जल्द इलाज शुरु हो और स्थिति गंभीर होने से पहले नियंत्रित हो जाए।
नेहरुगंज में रहने वाले भावसार परिवार की यह दास्तां मिसाल है, उन लोगों के लिए जो बेवजह भय के माहौल में जी रहे और जांच कराने से डरकर कोरोना के फैलाव का कारण बन रहे हैं। परिवार की रानी भावसार कहती हैं, कोरोना का नाम सुनकर ही डर लगता है। उनके परिवार के सात सदस्य महज सात दिन में इसकी चपेट में आये। वे स्वयं, पति, सास-ससुर, बेटा, बेटी, दामाद संक्रमित हो गये। हर दो दिन में एक-दो सदस्यों में लक्षण दिखने लगते थे। बेटी-दामाद ने अस्पताल में और शेष सदस्यों ने होम आईसोलेशन (Isolation) में रहकर कोरोना को हराया। आज सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

बुखार को साधारण न लें
भावसार का कहना है कि किसी भी बुखार को हल्के में न लें। जांच अवश्य करायें, देरी करने पर यह खतरनाक हो सकता है। जांच होगी और यदि आप संक्रमित हैं तो समय से उपचार प्रारंभ हो जाएगा। आप घर पर रहकर भी इससे पार पा सकते हैं। गर्म पानी पीयें, नियमित भाप लें, पौष्टिक भोजन करें, समय से दवा लें तो आराम से ठीक हो जाएंगे। इसे छिपाने और देरी करने पर ही स्थिति बिगड़ती है।

ये चीजें अवश्य रखें
अपने घर में ऑक्सीमीटर (Oximeter) और थर्मामीटर (Thermometer) अवश्य रूप से रखना चाहिए। समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेबल जांचें यदि 90 से नीचे जाए तो तत्काल चिकित्सकीय मदद ली जा सकती है। ऑक्सीमीटर का इसमें अहम रोल है। अस्पतालों में जगह नहीं है, इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होकर अस्पतालों में भाग रहे हैं जिससे संसाधन कम पड़ रहे हैं, जल्द जांच कराके घर पर ही उपचार कराएं, और अपना ध्यान रखें तो जीत निश्चित है।

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