इटारसी। जून को मलेरिया (Malaria) निरोधक माह के तौर पर माना जाता है। मानसून आने के साथ जब बारिश होती है तो जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है और उनमें मच्छर पनपते हैं। इन्हीं में मलेरिया के जनक मच्छर भी जन्म लेते हैं जो इनसान को काटकर मलेरिया का रोगी बनाते हैं। यदि आप स्वयं जरा सी सावधानी बरतें तो मलेरिया से स्वयं को बचा सकते हैं, बिना सरकारी मदद के। बस अपने घरों में, टायर, कूलर एवं खुली जगह में पानी का स्टोर ना करें। यदि पानी जमा हो रहा है तो उसमें ऑयल का छिड़काव करें, कूलर का पानी बदलते रहें। प्रशासन अपनी तरफ से मलेरिया से लडऩे तैयारी कर रहा है।
हाल ही में कलेक्टर ने इस विषय पर बैठक ली है। बैठक में कहा है कि घर में खुले में पानी का स्टोर ना करें, टायरों में, गड्ढे में, खुली टंकियो में पानी के जमाव से मलेरिया मच्छर के लार्वा बनने की संभावना रहती है। मलेरिया होने पर केवल एलाएजा टेस्ट (Eleza Test) ही कराएं क्योंकि एलाएजा टेस्ट ही मान्य है। सभी सरकारी विभाग अपने कार्यालय के कूलर पर पानी का जमाव न होने दें। हर सप्ताह पानी बदलते रहें। सभी अपने-अपने घरों मे खुले बर्तन, खुली टंकी में, हैंड पंप के आसपास पानी का स्टोर न करें। जिला मलेरिया अधिकारी अरुण श्रीवास्तव (Arun Srivastava) ने बताया कि मलेरिया की जांच एवं उपचार निरंतर किया जा रहा है। घरों में फॉगिंग (Fogging) भी कराई जा रही है लेकिन फॉगिंग का असर धीमा होता है, केवल 5 से 7 मिनट रहता है। हमारे लिए फिजिकल कंट्रोल (Physical Control) महत्वपूर्ण है। घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। पानी को ढंककर रखें, यदि खुले गड्ढे में अन्य जगह पानी का जमाव है तो वहां पर मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए तेल का छिड़काव करें। कूलर की प्रति सप्ताह सफाई करें। पानी बदले। कूलर मच्छरों के बिडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है, यहां पर मच्छरों के पनपने की अपार संभावनाएं रहती हैं। कलेक्टर सोनिया मीना (Collector Sonia Meena) ने निर्देश दिए कि सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगर पालिका अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में मलेरिया विरोधी अभियान चलाएं। लोगों को मलेरिया से बचने के लिए स्वच्छता एवं साफ सफाई अपनाने के लिए जागरूक करें। खुले में पानी का स्टोर करने की मनाही करें।
मलेरिया बुखार की पहचान कैसे करें
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया बुखार के लक्षण आधार पर मलेरिया की पहचान करना आसान है, मलेरिया होने पर कंपकपी के साथ तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी होना, बेचैनी, कमजोरी, सुस्ती लगती है। रुक-रुक कर बुखार आता है। पसीना आकर बुखार उतर जाता है। मितली, ठंड ,गर्मी या तपन महसूस होती है
लक्षण दिखाई देने पर क्या करें
बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच अवश्य करवाएं। एलाएजा टेस्ट अनिवार्य रूप से कराएं। मलेरिया की जांच एवं उपचार सभी ग्राम आरोग्य केंद्र में, आशा कार्यकर्ता एएनएम, एमपीडब्ल्यू सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र एवं अस्पताल में पूर्णता निशुल्क किया जाता है। बुखार या मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर खून की जांच रैपिड किट (Rapid Kit) या माइक्रोस्पोकिंग (Microspoking) जांच के द्वारा मलेरिया की पुष्टि होने पर कार्यकर्ता द्वारा बताई गई दवाइयां का पूर्ण सेवन करें।
मलेरिया से बचाव के उपाय
मलेरिया से बचाव के लिए सर्व प्रथम सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। सप्ताह में एक बार कूलर का पानी, पानी की टंकी, गमले, फूलदान, डब्बा, मटके, कंटेनर आदि में जमा पानी को खाली कर दें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। पानी से भरे गड्ढे में मिट्टी भर दें। पानी के सभी बर्तन टंकी आदि को पूरी तरह ढंक कर रखें। तेज बुखार उल्टी और बदन में दर्द होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। खिड़की एवं दरवाजा पर जाली लगायें। हल्के रंग के कपड़े पहनें एवं हाथ पैरों को पूरा ढंके।