- गीता ज्ञान समिति 85 वर्ष से अधिक शिक्षकों का घर-घर जाकर कर रही सम्मान
- लोकेश वर्मा
बैतूल। मैं प्रात: 6 बजे बजे नित्य उठता हूं। चाय नाश्ते के बाद खेत में जाता हूँ। हरा चारा रोज अपने हाथ से काट कर लाता हूं। दिन मे दो चार बार गौशाला की सफाई करता हूं। अधिकांश समाज के दुख दु:ख के सम्मिलित होता हूं। यही मेरी प्रसन्नता का राज है। उक्ताशय के विचार बैतूल नगर के समीप सोहागपुर सांपना निवासी 87 वर्षीय सेवानिवृत शिक्षक श्याम सुंदर वर्मा ने गीता ज्ञान समिति द्वारा उनके स्वागत किये जाने के वक्त व्यक्त किए।
गीता ज्ञान समिति शीतला माता मंदिर लल्ली चौक बैतूल के एक दर्जन सदस्यों ने सोहागपुर जाकर श्री वर्मा एवं उनके लघु भ्राता सेवानिवृत शिक्षक भुरू प्रसाद वर्मा का पुष्पाहार, श्रीफल एवं शाल भेंट कर सम्मान किया। भुरूप्रसाद वर्मा ने भी शैक्षणिक क्षणों को याद किया तथा साथियों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए समिति के संस्थापक स्वर्गीय सुरेशचंद्र देशपांडे को संत बताया। समिति का उद्देश्य समाज में गीता का प्रचार प्रसार करना है। माह की प्रत्येक एकादशी को शीतला माता मंदिर लल्ली चौक बैतूल में शाम 6:30 बजे से 7:30 के मध्य गीता का एक अध्याय का पाठ किया जाता है। अब समिति नगर एवं ग्रामों में निवासरत 85 वर्ष से अधिक के शिक्षकों से उनका हाल-चाल जानने उनके घर पहुंच रही है।

अपनों के बीच बुजुर्गों की आंतरिक प्रसन्नता देखते ही बनती है। श्याम सुंदर वर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती सुमन वर्मा ने बताया कि इनका स्वास्थ्य तथा भोजन का नियमित ख्याल मंै स्वयं रखती हूं परंतु भोजन तो मेरी दोनों बहुएं ही बनाकर देती हैं। उन्होंने आगे बताया कि हमारी शादी और भारतीय गणतंत्र का संविधान सन 1950 का ही संयोग है। समिति के रोशनलाल मोखड़े ने दांपत्य सुख के शानदार 75 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। जिसका करतल ध्वनि से सदस्यों ने स्वागत व्यक्त किया। इस अवसर पर उनके परिजन संजय वर्मा, रजनीकांत वर्मा, लक्ष्मीकांत वर्मा, पुष्पा वर्मा, कल्पना वर्मा, राजकुमार वर्मा, प्रदीप वर्मा, गीता ज्ञान समिति की ओर से रोशनलाल मोखड़े, कमलेश बाथरी, रमेश वर्मा, उमेश वर्मा, दिलीप सोनी, प्रेम माकोड़े, सुनील तरकसवार, नंदकिशोर सोनी, कमल सोनी, हरिओम सोनी, उमाशंकर बारस्कर, यू.बी वर्मा, रमेश बाथरी, डीके मंडुरनें आदि उपस्थित थे।