इटारसी। केसला जनपद पंचायत की साधारण सभा की बैठक में ब्लाक के वरिष्ठ अफसरों की अनुपस्थित से नाराज जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के साथ सांसद और विधायक प्रतिनिधियों ने आज बैठक का बहिष्कार कर जनपद कार्यालय के सामने धरना दिया। जनपद सदस्यों के धरने की सूचना कलेक्टर और सांसद तक जा पहुंची। सूचना मिलने पर एसडीएम अभिषेक गेहलोत पहुंचे और धरना दे रहे जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी बात सुनी। इस दौरान सांसद प्रतिनिधि शैलेन्द्र दीक्षित ने सांसद राव उदयप्रताप सिंह से भी एसडीएम श्री गेहलोत की बात करायी। अंतत: इस आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ कि 1 सितंबर को स्वयं एसडीएम जनपद में सभी विभाग के अधिकारियो के साथ बैठक लेंगे जिसमें सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी।
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि अफसर उनकी बात नहीं सुनते जिससे उनके क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आज केसला में सदस्यों ने साधारण सभा का बहिष्कार करके धरना दे दिया। इससे पहले की बैठक में अफसरों के नहीं पहुंचने पर भी बैठक स्थगित करके एसडीएम को ज्ञापन दिया था। बावजूद इसके अफसरों के कानों पर जूं नहीं रेंगी और आज हुई बैठक में भी विभाग प्रमुख नहीं पहुंचे तो आखिरकार जनपद सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार करके धरना दे दिया।
एसडीएम 1 को लेंगे बैठक
जनपद सदस्यों से मिलने और सांसद राव उदयप्रताप सिंह से चर्चा के बाद एसडीएम अभिषेक गेहलोत ने कहा कि वे 1 सितंबर को विभागीय अधिकारियों की बैठक लेंगे जिसमें सारे लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। जब जनपद सदस्यों ने धरना शुरु कर दिया तो सारे विभागों के अफसर भी एसडीएम के पहुंचने के बाद धीरे-धीरे धरना स्थल पर पहुंचने लगे थे। इससे पहले बैठकों में आने में किसी अधिकारी ने कोई रुचि नहीं दिखाई थी। शिक्षा विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशु पालन विभाग, खाद्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यंात्रिकी विभाग, बिजली विभाग और राजस्व विभाग के अफसर कई बैठकों में नहीं पहुंचते थे। एसडीएम के साथ ही आज ज्यादातर विभाग के अफसर धरना स्थल पर पहुंच गए थे।
आज थी साधारण सभा की बैठक
मंगलवार को केसला जनपद पंचायत में साधारण सभा की बैठक थी। विभाग प्रमुखों की बैठक में अनुपस्थित से नाराज जनपद सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया और जनपद कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये। सांसद प्रतिनिधि शैलेन्द्र दीक्षित, विधायक प्रतिनिधि विनय यादव, देवेन्द्र चौधरी के साथ ही जनपद अध्यक्ष गनपत उईके, उपाध्यक्ष सुनील चौधरी, सदस्य अजय महाला, धर्मेन्द्र पालीवाल, कैलाश बड़कुर, मनोज गुलबाके, फागराम, बुधराम, सावित्री बिछेले, ममता चौरे, ज्योति धुर्वे, आरती चौधरी, सुनील बाबा, सुशील बरकड़े सहित भाजपा के कार्यकर्ता भी आंदोलन को समर्थन देने पहुंच गए थे। इन लोगों ने तहसीलदार श्रीमती ऋषि मौर्य के पहुंचने पर उनसे किसी प्रकार की बातचीत करने से मना कर दिया और जिले से जिम्मेदार अधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़ गए।
चार बार से नहीं आ रहे अधिकारी
जनप्रतिनिधियों का आरोप है अधिकारी जनपद पंचायत में होने वाली साधारण सभा की बैठकों से नदराद रहते हैं। पिछले तीन बार से सिर्फ तीन ही अधिकारी बैठक में आ रहे हैं। जनपद सदस्य मनोज गुलबाके ने बताया कि अधिकारी बात नहीं सुनते, नियमों का हवाला देकर अपनी मर्जी से काम करते हैं, जिससे क्षेत्र में वे विकास के कार्य नहीं करा पा रहे हैं। अधिकारियों के खिलाफ एसडीएम को भी शिकायत कर चुके हैं, बावजूद इसके अधिकारी आज भी साधारण सभा की बैठक में नहीं पहुंचे। सांसद प्रतिनिधि शैलेन्द्र दीक्षित ने कहा कि ज्यादातर बैठकों में विभाग प्रमुख नहीं आते और अपने प्रतिनिधि बनाकर बाबू या अन्य छोटे कर्मचारियों को भेज देते हैं, जिन्हें कोई जानकारी ही नहीं होती है। इस तरह से जनप्रतिनिधियों के किसी सवाल का जवाब भी नहीं मिल पाता है, आज भी बैठक में अफसर नहीं आए तो बैठक का बहिष्कार किया।