होशंगाबाद। संभाग के बैतूल जिला दूध उत्पादन में होशंगाबाद और हरदा जिले से कहीं आगे है। कमिश्नर ने कहा कि तीनों जिलों की स्थिति देखें तो यहां पर एक लाख लीटर दूध का संग्रहण होना चाहिए। होशंगाबाद में महज 9 हजार लीटर, हरदा में 3 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है जबकि बैतूल जिले में 30 हजार लीटर दूध का संग्रहण हो रहा है।
आयुक्त कार्यालय में तीनों जिलों के दुग्ध संघ अधिकारियों की बैठक में कमिश्रर ने कम दूध उत्पादन पर नाराजी जताते हुए कहा कि अगली बैठक में संभाग के जिलों में दूध उत्पादन बढ़ाने की योजना सहित समस्त जानकारी लेकर उपस्थित हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाए और दूध उत्पादन की मार्केटिंग की जाए।
बैठक में दुग्ध संघ के अधिकारियों ने बताया कि होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल में जो भी समिति कार्य कर रही हैं उनके सदस्यों के पास अच्छी नस्ल के ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाले पशु होना आवश्यक है ताकि वर्तमान में प्रति दुधारू से प्राप्त होने वाले दुग्ध की मात्रा बढ़ाई जा सके। अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लगातार भ्रमण कर समितियों से संपर्क करें एवं उन्हें उन्नत नस्ल के दुधारू पशु लेने के लिए प्रेरित करें, साथ ही जो आहार दुधारू पशुओं को दिया जा रहा है उसके लिए भी समिति सदस्यों को अवगत कराएं। कमिश्नर ने कहा कि संभाग जिलों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 1 लाख लीटर से अधिक दुग्ध संग्रहण होना चाहिए। कमिश्नर ने अधिकारियों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया कि वे नये मिल्क रूट तय करें। वर्तमान समिति को और मजबूत बनाने, खरीदे गये दुग्ध का भुगतान शीघ्रता से करने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि वे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के संबंध में नयी समिति बनाए तथा कलेक्टर को इस कार्य की समीक्षा करने के भी निर्देश जारी किये। कमिश्नर श्री श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित दुग्ध संघ के अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे प्रत्येक सप्ताह दिये क्षेत्र का भ्रमण कर वस्तुस्थिति से कलेक्टर को टीएल बैठक में अवगत कराएं।
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कम दूध उत्पादन पर कमिश्रर सख्त नाराज


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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