कांग्रेस के दो बड़े नेता आपस में लड़े, पहुंचे थाने

इटारसी। रविवार की शाम को पांच बजे पुरानी इटारसी में कांग्रेस के चुनावी जन संपर्क पर पहुंचे पार्टी प्रत्याशी शैलेन्द्र दीवान के तुलादान कार्यक्रम में कांग्रेस के दो नेताओं में हाथापायी हो गयी। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों नेता अपने-अपने साथियों के साथ पुलिस थाने पहुंच गए। इधर कांग्रेस प्रत्याशी ने दोनों पक्षों को अनदेखा करते हुए शहर में अपना चुनाव प्रचार जारी रखा।
रविवार शाम पुरानी इटारसी शनि मंदिर के पास कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी शैलेन्द्र दीवान सिंह का तुलादान कार्यक्रम था जिसमें पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने एवं कांग्रेस नेता सुरेश गोयल के बीच टीका टिप्पणी को लेकर झगड़ा हो गया। घटना के बाद दोनों अपने साथियों और वकीलों के साथ थाने पहुंच गए। रमेश बामने ने पुलिस को शिकायती आवेदन भी दे दिया। करीब एक घंटे तक दोनों गुट यहां मौजूद रहे, और बाद में दोनों में समझौता हो गया।
सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम के बाद वापस लौट रहे सुरेश गोयल और रमेश बामने का आमना-सामना हो गया। चूंकि दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा था और यहां भी किसी कमेंट्स को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। विवाद की खबर लगते ही दोनों पक्षों के लोग मौके पर पहुंच गए, यहां से बामने सीधे थाने आ गए। सोशल मीडिया पर तेजी से झगड़े की खबर वायरल हुई। गोयल के अधिवक्ता अरविन्द गोइल, पुत्र पंकज गोयल, पूर्व नपा अध्यक्ष अनिल अवस्थी, अशोक साहू समेत भारी भीड़ थाने में जमा थी, वहीं बामने के वकील अशोक शर्मा, पुत्र मनोज बामने, शरद बामने एवं समर्थक जमा हो गए थे, थाने में कुछ देर तनावपूर्ण माहौल रहा, हालांकि पार्टी की ओर से कोई भी बड़ा नेता यहां नहीं आया। करीब आधे घंटे तक मोबाइल पर दोनों गुट बातचीत करते रहे, बाद में दोनों ने आवेदन वापस लेकर राजीनामा कर लिया।
बता दें कि गोयल और बामने के एक वक्त काफी घनिष्ठ संबंध थे। लेकिन व्यापारिक लेनदेन के विवाद के बाद से दोनों के संबंध बिगड़ते चले गए। रमेश बामने कृषि उपज मंडी में अध्यक्ष थे और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के पीछे बामने परिवार ने गोयल का हाथ मानकर दूरियां और बढ़ा लीं। बताया जाता है कि गोयल की शिकायत पर ही बामने के पुत्र दुर्गेश को आवंटित इंडेन गैस एजेंसी खत्म वापस ले ली गई। उधन बामने ने गोयल के खिलाफ शाहपुर थाने में एक प्रकरण दर्ज कराया था। दोनों नेता कांग्रेस से जुड़े हैं। बताया जाता है कि दोनों के पास पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोन भी आए थे। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों में राजीनामा होने से मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया।

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