होशंगाबाद। शिवसुता मां नर्मदा (Narmada) के तट पर भोलेनाथ शंकर (Bholenath) के नए पुराने अनेक भव्य मंदिर(temple) हैं, जहां पूजा-पाठ, अभिषेक, अनुष्ठान सदा चलते रहते हैं। शिवरात्रि महादेव की उपासना का महापर्व है, तो सावन मास शिव भक्ति-आराधना, अभिषेक का पुण्यदायी विशेष सत्र माना गया है। इस बार कोरोना संकट के चलते नियम कायदे का पालन करते मंदिरों में महादेव की पूजा अर्चना चल रही है।
सुप्रसिद्ध प्राचीन काले महादेव मंदिर(Kale Mahaden Mandir) में इसी कारण रात्रि समिति द्वारा रात्रि में अभिषेक (AbhiShek) आदि किये जा रहे हैं। श्रद्धालु भी दूर से दर्शन कर रहे हैं। इन्हीं में एक अनूठे भोलेनाथ काले महादेव के भक्त हैं दिलीप परते जो सालोंसाल से भगवान काले महादेव की अपने ढंग से भक्ति कर रहे। इसे वे भो लेकीचाकरी कहते हैं। मेरे बुजुर्ग मित्र आरसी मालवीय (Rc Malviya) के माध्यम से उनसे चर्चा हो पाई। वरना भोले का यह भक्त प्रचार प्रसार से दूर ही भागता है। मुश्किल से राजी हुए दिलीप। रोज बड़े सबेरे कठिन गोलघाट काले महादेव की सीढिय़ां उतर स्नान कर बाल्टी से नर्मदा जल ऊपर लाते महादेव पर चढ़ाते, और फिर बाल्टी से भर-भरकर लाते दूसरे भक्तों को जल चढ़ाने के लिए वहां रखे पात्र में जल भरते। पात्र खाली होते वे फिर दौड़ जाते। 20 साल से भोलेनाथ की यह यह चाकरी कर रहे हैं, और इसे अपना सौभाग्य मानते हैं। आयु साठ बरस हो गई है। उत्साह स्फूर्ति युवकों सी है। मैने फोटो का कहा तो साफ मना कर दिया बोले नहीं-नहीं। छोटी सी सरकारी नौकरी भी करते हैं। बेट-बेटी स्कूल-कालेज में पढ़ते हैं। कुछ और पूछने के पहले ही बोलेते जब तक सांस है, जैसे बनेगी भोले की यह चाकरी चलती रहेगी। हर-हर महादेव नर्मदे हर (Narmade Har) का जोर से उद्घोष कर चले गए भोले की चाकरी में। हर हर महादेव।
पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार/कवि
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🕉Har Har Mahadev, jai narmada ma pure badholia parivar ke aur se🙏