खतरनाक स्थिति में हैं आधा दर्जन पुलियाएं
इटारसी। शहर को गांवों से जोडऩे वाली और शहर के भीतर बनीं कुछ पुलिया खतरनाक स्थिति में हैं। हालात यह हैं कि यदि इन पर राहगीर सावधानी न बरतें तो नज़र हटी और दुर्घटना घटी का नारा ही चरितार्थ हो जाए।
शहर में दुर्घटना संभावित पुलियाओं में सबसे पहले नयायार्ड रोड पर बनी प्राचीन पुलिया पर नजर डालें तो इसकी चौड़ाई महज तीन मीटर और ऊंचाई चार मीटर है। इसकी जर्जर अवस्था को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि यहां सड़क निर्माण के साथ इसका भी नवनिर्माण होगा, लेकिन वह तो हुआ नहीं उल्टे इसके ऊपर लगी लोहे के पाइप की रैलिंग भी सड़क निर्माण के दौरान टूट गयी है। सड़क निर्माण के दौरान तोड़ी गईं पाइप की रैलिंग फिर नहीं बनायी गयी है। इस जर्जर पुलिया की सपोर्ट करने के लिए नाले के अंदर से ही चबूतरानुुमा दो पिचिन बना दी है जो पुलिया की सड़क के बराबर की ऊंचाई वाली है। इनके बीच में बड़ा गेप है। दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो पुलिया की चौड़ाई बढ़ गई हो। इस गफलत में अभी दो तीन मोटर सायकिल चालक गिरते-गिरते बचे हैं। अभी आगामी समय में तेज बारिश के दौरान जब इसके ऊपर से पानी बहेगा तब और अधिक दुर्घटनाओं की संभावना बनेगी।
ठंडी पुलिया से निकले इसी नाले पर आगे बजरंगपुरा व नाला मोहल्ला के मध्य भी प्राचीन पुलिया है जिसकी ऊंचाई तो ठीक है लेकिन चौड़ाई वही तीन मीटर। जबकि इस पुलिया के दोनों तरफर सड़क की चौड़ाई 15 से 20 मीटर तक है। इस पुलिया पर भी कोई रैलिंग नहीं है। सड़क की चौड़ाई के मान से तेज रफ्तार वाहन चलाने वाले यहां अंधेरे में या फिर बारिश के दौरान दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। राज टाकीज से मेहरागांव तक जाने वाले इस प्रमुख सड़क मार्ग के अंतिम छोर पर यानी मेहरागांव नदी पर भी यह करीब 50 फुट लंबी पुलिया बनी हे लेकिन इसकी चौड़ाई भी महज तीन मीटर है जिस पर एक छोटी सी कार भी निकले तो फिर कोई दूसरा वाहन तो दूर पैदल भी नहीं निकला जा सकता है। इस पुलिया के शहर तरफ का जो पूर्वी छोर है वहां सड़क की चौड़ाई अपेक्षा से कहीं अधिक यानी 70 फुट है तो इस चौड़ी सड़क के बाद एकदम नदी लग जाती है, जिसके ऊपर सात फुट चौड़ी पुलिया बनी है।