इटारसी। देश के विभिन्न स्थानों से इटारसी पहुंचे रेलवे के वेंडर्स और पेंट्री कर्मचारियों को रविवार को बसों के माध्यम से उनके शहर भिंड, मुरैना और ग्वालियर भेजा गया। इस दौरान रेलवे, नगर पालिका की टीम, आरटीओ सब इंस्पेक्टर, आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने व्यवस्था में सहयोग किया। दो बसों का इंतजाम रेलवे के खानपान ठेकेदारों ने किया जिनके ये वेंडर हैं और दो बसों का स्वयं वेंडरों ने। इन सबके बीच एक बात तो है कि ये लोग अपने घरों के लिए रवाना हो गये, अन्यथा ये यहीं के होकर रह जाते, प्रशासन का कहना है कि आज ये आदेश आ गये हैं कि जो जहां है, वहीं रुकेगा और उनके रुकने, खाने, चिकित्सा का इंतजाम प्रशासन को करना है।
बसों से गये चंबल के लोग
चंबल के ग्वालियर, भिंड, मुरैना क्षेत्र के लगभग डेढ़ सैंकड़ा लोग रविवार को यहां इटारसी से बसों से अपने शहरों और गांवों के लिए रवाना हुए हैं। दरअसल, पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों से इटारसी आकर रुके रेलवे के पेंट्री कर्मचारियों और विभिन्न स्टाल्स पर काम करने वालों का दावा है कि उनको अपने घर जाने के लिए बसों का पैसा अपनी जेब से ही देना पड़ा। यह इंतजाम तब हुआ जब यहां फंसे लोगों ने अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगायी। वहां से आदेश आये तो 153 लोगों को घर भेजने बसें आयीं।
नगर पालिका ने की सेनेटाइज
आज आयी बसें मालगोदाल परिसर में जीआरपी थाना के पीछे खीड़ी की गईं। नगर पालिका के स्वच्छता अमले ने बसों को सेनेटाइज किया। एक-एक युवक को सेनेटाइज किया और फिर बसों में बिठाकर रवाना किया। नपा के पास इतनी ही जिम्मेदारी थी कि बसों की सफाई करके सेनेटाइज करें और जो लोग जा रहे हैं उनको भी सेनेटाइज किया जाए। सीएमओ सीपी राय का कहना है कि उनके विभाग को बसों को सेनेटाइज करने और सफाई की जिम्मेदारी दी गई थी। हमने बसों और जाने वाले यात्रियों को सेनेटाइज तथा बसों की सफाई करायी है। रविवार को सुबह विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के निर्देश पर काम कर रही कार्यकर्ताओं की टीम, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और नीलम मिष्ठान की तरफ से इन लोगों की भोजन व्यवस्था की गई।
इतने पहुंचे, ये बाकी
सुबह से तैयारियों के बाद दोपहर 12:30 से 1 बजे के बीच एक बस में 39 और दूसरी में 41 लोगों को भिंड, मुरैना और ग्वालियर के लिए रवाना किया है। सुबह कुल 153 में से 80 लोग यहां से उनके घरों के लिए रवाना किये गये थे। जो लोग यहां ठहरे थे उनमें 85 भिंड, 70 मुरैना और ग्वालियर जिलों के थे। सबको यहां से खाना खिलाकर ही रवाना किया है, दोपहर बाद दो अन्य बसों से शेष 73 को भेजे जाने की खबर है। दो बसों में 80 लोगों को भेजा गया। एक बस में 39 और दूसरी में 41 सदस्य। सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की बात कह रहे हैं और मैदानी अफसर इसका कितना ख्याल रख रहे हैं, यह इसी एक वाकये को देखतर अंदाजा लगाया जा सकता है। यानी बस में भरकर लोग गये हैं।
इनका कहना है…!
हमारे पास बसों को लेकर न कोई डिमांड थी और ना ही हमने बसों का इंतजाम किया। हमारे एसआई तो इसलिए पहुंचे थे कि उनकी ड्यूटी है, कि वाहनों को सेनेटाइज कराएं और व्यवस्था पर नजर रखें।
मनोज तेहनगुरिया, आरटीओ
अच्छा रहा कि ये लोग आज यहां से अपने घरों के लिए रवाना हो गये। आज ही आदेश आये हैं कि जो जहां रुका है, उसे वहीं रहना है। यदि ये आज रुक जाते तो हो सकता था कि लंबे समय तक रहना पड़ता। इन हालात में हम ही इनके लिए सारे इंतजाम करते।
हरेन्द्र नारायण, एसडीएम
हमें बसों को सेनेटाइज करके सफाई करने के निर्देश मिले थे जिसकी जिम्मेदारी हमने निभायी है। हमारी स्वच्छता विभाग की टीम ने बसों की सफाई और उनको सेनेटाइज किया है, इससे ज्यादा हम कुछ नहीं बता सकते।
सीपी राय, सीएमओ
इन लोगों में खानपान ठेकेदारों के वेंडर और पेंट्रीकार के कर्मचारी शामिल हैं। इनको उनके घरों तक भेजने के लिए सारा इंतजाम खानपान ठेकेदारों ने ही किया है।
राजीव चौहान, स्टेशन प्रबंधक