---Advertisement---
City Center
Vardhman school results
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

जंगल में सक्रिय हो गए लकड़ी और रेत चोर

By
On:
Follow Us

वन कर्मियों की हड़ताल का तीसरा दिन 
इटारसी। वनकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने के बाद अब जंगल सुरक्षा कर्मियों से खाली हो गए हैं। आज वनकर्मियों की हड़ताल का तीसरा दिन था, जंगल में न तो रेंजर पहुंच रहे, न डिप्टी रेंजर और ना ही नाकेदार। महज दैनिक वेतनभोगी, ग्राम कोटवार के भरोसे और कभी-कभी पुलिस की गश्त के भरोसे राष्ट्र की संपत्ति है। वन कर्मचारियों की हड़ताल का फायदा उठाकर रेत और लकड़ी चोर अब जंगलों में सक्रिय होकर अधाधुंध सागौन की अवैध रूप से कटाई कर रहा है। इटारसी वन परिक्षेत्र में सागौन चोर कंधे पर सागौन की चरपटें रखकर ढो रहे हैं। इसके अलावा आलम यह है कि यदि कोई जंगली जानवर गांव में घुसकर हमला कर दे तो ग्रामीणों को वन विभाग से मिलने वाली किसी प्रकार मदद तक नहीं मिल सकेगी। ऐसे में ग्रामीणों को भी वन्य प्राणियों से सतर्क रहने की जरूरत है।
सूत्र बताते हैं कि आज ही चीचाढाना बीट में धांई-सोंठिया के एक दर्जन से अधिक लकड़ी चोरों ने जंगल में उतर लकडिय़ों ढोना शुरु किया तो बड़ी मात्रा में अवैध लकडिय़ां जंगल से निकाली गई हैं। वन विभाग के कर्मचारी भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं कि जंगल अब लकड़ी और रेत चोरों के हवाले हो गए हैं। विभाग के मैदानी अमले में शामिल अधिकारियों का कहना है कि अब तो आरपार की लड़ाई है। जंगल में लकड़ी और रेत चोर सक्रिय हैं, लेकिन हमारे मामले में तो अब अति हो गयी थी। सरकार अब चाहे हमारे साथ अच्छा करे, चाहे बुरा। हम सारी स्थिति में तैयार हैं। जिला मुख्यालय पर विगत 24 मई से रेंजर, डिप्टी रेंजर सहित सभी वनकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में फायदा उठाकर रेत और लकड़ी चोर जंगल में उतर गए हैं। सूत्र बताते हैं कि आज सालई के पास वन सुरक्षा समिति के सदस्यों ने रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को रोका था, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण वे अधिक देर रोक न सके और ऐसे में फायदा उठाकर ट्रैक्टर-ट्राली वाला भाग निकला।
वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद जंगल व वन्यप्राणियों को खतरा बढ़ता देख वन विभाग ने पुलिस, होमगार्ड, ग्राम कोटवार, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की मदद से जंगलों की सुरक्षा के प्रयास किए जा रहे हैं। क्षेत्रों में अवैध खनन जैसी स्थिति न बने, इसके लिए बैरियर, नर्सरी, प्लांटेशन और समितियों में काम करने वाले चौकीदारों से गश्ती कराई जाए। एपीसीसीएफ ने आदेश में दूसरे विभागों के कर्मचारियों से भी जंगल की गश्त कराने को कहा है। बता दें कि 24 मई से वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर हड़ताल कर रहे हैं। इसके कारण जंगल की सुरक्षा चरमरा गई है। अवैध कटाई से लेकर बाघ समेत दूसरे वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में हैं।

इनका कहना है…।
हमने हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था तो की है, लेकिन उसे पूर्ण व्यवस्था नहीं माना जा सकता है। चौकीदार, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भरोसे जंगल की पूर्ण सुरक्षा संभव नहीं है। एसपी से बात करके पुलिस की भी कुछ मदद ले रहे हैं। बावजूद इसके न तो हमारे जंगल सुरक्षित हैं और ना ही वाइल्ड लाइफ। जल्द से जल्द को निराकरण निकलना चाहिए ताकि अमला जंगलों में लौटे।
विजय सिंह, डीएफओ

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
Vardhman school results
error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.