जीवोदय से फिर दिन दहाड़े बच्चे का अपहरण

इटारसी। जीवोदय संस्था से दिन-दहाड़े एक बच्चे का अपहरण हो गया है। इससे पूर्व इस संस्था से पहले बच्चे भाग चुके हैं। इस बार जीवोदय की ओर से बच्चे के अपरहण की शिकायत दर्ज करायी गई है। संस्था के कॉर्डिनेटर सबीर देवनाथ ने पुलिस में बच्चे के अपहरण की शिकायत दर्ज करायी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुबीर देवनाथ ने शिकायत दर्ज करायी है कि जीवोदय संस्था बंगलिया से 12 वर्षीय, जबलपुर निवासी बच्चा, शनिवार की दोपहर 1:30 बजे से लापता है। संस्था के केयर टेकर सुबीर देवनाथ ने बच्चे का अपहरण होने की आशंका व्यक्त की है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 363 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

कैसे भाग जाते हैं बच्चे
जीवोदय संस्था से या तो बच्चे भाग जाते हैं, या फिर उनका अपहरण होता है। संस्था की व्यवस्था आखिर कैसी है कि यहां से बच्चे भाग जाते हैं? हाल में भी अपहरण की आशंका जतायी है, आखिर इस तरह की घटनाएं संस्था में ही क्यों होती हैं, और भी संस्थाएं हैं, जहां ऐसी घटनाएं विरले ही होती होंगी। विगत वर्ष अक्टूबर में भी बंगलिया के जीवोदय से दो नाबालिग बालक लापता हुए थे। ये बच्चे 11 अक्टूबर की सुबह 4 बजे भाग गए थे। तब भी कॉडिनेटर सुबीर देवनाथ ने एक 8 साल के बालक और दूसरा 10 साल के बालक के भागने की शिकायत दर्ज करायी थी। दोनों को सीडब्ल्यूसी ने बॉयज होम में रखने के निर्देश दिए थे। ये तड़के 4 बजे दीवार कूदकर भागे थे।

इस वर्ष मार्च में भागे थे दो बच्चे
जीवोदय बॉयज होम की छह फीट ऊंची दीवार फांदकर दो इस वर्ष मार्च में दो किशोर भागे थे। यह घटनाक्रमा संस्था में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ था। पहले से घर से भागे इन बच्चों को भी सीडब्ल्यूसी के आदेश पर संस्था में रखा था। इनमें एक 10 साल का अनाथ बच्चा था तो दूसरा 13 साल का वह मूक किशोर था। उसके अंगूठे के निशान से गांव व घर का पता ढूंढा था। लेकिन वह यहां से भाग निकला। बॉयज होम में चौकीदार था, सीसीटीवी कैमरे लगे थे। फिर भी दोनों बच्चे बाल्टी पर खड़े होकर 6 फीट की दीवार फांदकर भाग निकले। यहां की कैसी व्यवस्था है कि बच्चे यहां से भागते या फिर उनका अपहरण होता है, यह संस्था की व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।

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