प्रशिक्षु नायब तहसीलदार और डॉक्टर में विवाद, डाक्टर्स ने काम बंद किया
होशंगाबाद। जिला अस्पताल में नायब तहसीलदार द्बारा एक डॉक्टर के बीच विवाद के बाद डाक्टर्स ने करीब तीन घंटे काम काम प्रभावित रहा और अस्पताल में उपचार कराने आए मरीज परेशान होते रहे। डाक्टर्स का कहना है कि नायब तहसीलदार ने उनसे बदसलूकी कर नौकरी से निकलवाने की धमकी दी है।
घटना शनिवार सुबह करीब 11 बजे की है। घटना के बाद डॉक्टरों और स्टॉप में नाराजी है। इस कारण पूरा स्टॉफ हड़ताल पर चला गया जिससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीज परेशान होते रहे हैं। इस घटना के बाद डाक्टर्स और प्रशासन के बीच बातचीत और मामले का पटाक्षेप करने में तीन घंटे का वक्त लग गया।
दरअसल नायाब तहसीलदार नवल किशोर कटारे और नायब तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर एक मरीज के मृत्यु पूर्व बयान लेने आए थे। इसी दौरान उनके और आरएमओ डॉ. दिनेश दहलवार के बीच विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम आदित्य रिछारिया के समझाने और माफी मांगने पर भी डॉक्टर दहलवार नहीं मानें। उनका कहना था कि मेरे कमरे में 50 मरीज थे, तब उसने मुझे नौकरी से हटाने की धमकी दी है। जिस पर एसडीएम और तहसीलदार शैलेन्द्र बड़ोनिया नाराज हो गए। हालांकि बाद में बंद कमरे में डाक्टर्स और प्रशासनिक अमले के बीच डाक्टर देहलवार और नायब तहसीलदार कटारे ने अपने शब्दों को वापस लेने की बात करके समझौता कर लिया है।
क्या है पूरा मामला
शुक्रवार की रात को मीनाक्षी चौक पर एक घटना हुई जिसमें घायल शाहनबाज का मृत्यु पूर्व कथन दर्ज करने प्रशिक्षु नायब तहसीलदार नवल किशोर कटारे और विनय प्रकाश ठाकुर जिला अस्पताल पहुंचे थे। चूंकि बयान से पूर्व डाक्टर्स से यह क्लीयर करना होता है कि मरीज बात करने की स्थिति में है कि नहीं। दोनों अधिकारी अस्पताल पहुंचे तो किसी मरीज ने बताया कि आरएमओ डॉ. दिनेश देहलवार बैठे हैं, उनसे मिल लीजिए। दोनों नायब तहसीलदार डॉ. देहलवार के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वे यह नहीं कर सकते। उन्होंने किसी अन्य डाक्टर्स का नाम सुझाया। यहां वहां भटकने से परेशान नायब तहसीलदार कटारे से इस बात को लेकर उनकी बहस हो गया। डॉ. देहलवार ने कहा कि उक्त अधिकारी ने उनको नौकरी से निकलवाने की धमकी दी है। जबकि कटारे का कहना है कि नौकरी शासन देता है, मैं कौन होता हूं नौकरी से निकलवाने वाला। इस घटना के बाद डॉक्टर्स लामबंद हो गये और उन्होंने काम बंद हड़ताल कर दी। सूचना मिलने पर एसडीएम आदित्य रिछारिया, डिप्टी कलेक्टर भारती मरावी, तहसीलदार शैलेन्द्र बड़ोनिया अस्पताल पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच बैठकर मामला शांत कराने का प्रयास किया। मामला सुलझा तो लंच का टाइम हो गया। इस सारी प्रक्रिया में तीन घंटे का वक्त निकल गया और इस अवधि में अस्पताल आए मरीज परेशान होते रहे।
ये बोले अधिकारी
प्रशिक्षु नायब तहसीलदार नवल किशोर कटारे और डॉ. दिनेश देहलवार के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। दरअसल कटारे मृत्युपूर्व बयान के लिए आए थे। दोनों के बीच कुछ गलतफहमी हो गयी थी। विवाद हो गया तो हम लोगों ने आपस में बैठकर समझौता करा लिया। दोनों ने एकदूसरे से कहे शब्द वापस ले लिये हैं। डाक्टर्स काम पर लौट आए हैं।
आदित्य रिछारिया, एसडीएम
प्रशासन से बातचीत हुई है। उन्होंने सॉरी कह दिया है। हमारी आपस में चर्चा होने के बाद अब हमें कोई कार्रवाई नहीं चाहिए।
डॉ. दिनेश देहलवार, आरएमओ अस्थि रोग विशेषज्ञ
मैं शाहनबाज खान की डीडी लेने आया था। इस बीच कुछ गलतफहमी को लेकर विवाद हो गया था। अब सब ठीक हो गया है। हम दोनों ने अपने-अपने शब्द वापस ले लिये हैं। समझौता हो गया है। नौकरी से निकालने जैसी कोई बात नहीं कही। नौकरी शासन देता है।
नवलकिशोर कटारे, नायब तहसीलदार