इटारसी। बुधवार की रात श्री द्वारिकाधीश मंदिर से निकली श्रीराम की बारात देखने शहर उमड़ पड़ा, इस बारात में नि:शुल्क सामूहिक विवाह में शादी करने आए 33 दूल्हे भी सजे-धजे बस में सवार थे। दूल्हा बने राम बग्घी पर सवार हुए। द्वारिकाधीश मंदिर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय करके बारात देवल मंदिर पहुंची। श्रीराम विवाह महोत्सव देखने अपार जनसमूह एकत्र हो गया था। रात 12 बजे देवल मंदिर परिसर में श्री राम विवाह महोत्सव की शहनाइयां बजने लगीं। आधी रात को एक ही मंडप के नीचे सारे दूल्हा-दुल्हन भी परिणय सूत्र में बंधे।
आज सुबह से ही देवल मंदिर में उत्सव का माहौल था। पुरानी इटारसी में नेशनल हाईवे किनारे स्थित मंदिर में श्रीराम विवाह उत्सव की शुरूआत दिवंगत महंत दामोदार दास व महंत सुंदरदास रामायणी सहारनपुर वालों की प्रेरणा से हुई थी। धार्मिक उत्सव में पहले दो साल मंदिर में ही आयोजन हुआ और इसके बाद नि:शुल्क सामूहिक विवाह होने लगे। एक ही मंडप के नीचे अब तक करीब दो हजार जोड़े सात फेरे ले चुके हैं।
आज रात बारात ओवरब्रिज पर आते ही मार्ग को डायवर्ट किया गया था। बारात के ब्रिज सर्किल पर आते ही भोपाल से नागपुर की ओर का सड़क यातायात रोक दिया था। बारात देवल मंदिर पहुंचने तक वाहन हाईवे पर खड़े रहे। इटारसी से विवाह स्थल और बैतूल-नागपुर की ओर जाने वाले वाहनों को ब्रिज के दूसरे हिस्से से निकाला जा रहा था। गोधूलि बेला में द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में श्रीराम बारात की तैयारियां चल रही थीं। बारात की बग्घियां, बैंड-बाजे, काठी लोक नृत्य कलाकार और राम सखियां भी आईं। दूल्हों ने एक साथ मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। शाम को बारात लेकर श्रीराम के संग उनके बंधु बग्घियों से जनकपुरी चले। शहर में भ्रमण करती हुई यह बारात ओवरब्रिज से देवल मंदिर पहुंची जहां बारात स्वागत के बाद विवाह की रस्म अदा करायी गईं।