इटारसी। आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर की रविवार को हुई साप्ताहिक बैठक के बाद नववर्ष पर तिलकसिंदूर आने वाले लोगों को बेहतर सफाई व्यवस्था मिले, इसके लिए सफाई अभियान चलाया। समिति की पूरी टीम ने मिलकर मंदिर के सामने मैदान की सफाई की।
समिति ने आने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि वे कचरे को निर्धारित कूड़ादान में ही डालें। यहां बड़ी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आते हैं और गंदगी करके चले जाते हैं। तिलक सिंदूर धार्मिक स्थल है, अपनी व्यवस्था अपने स्वयं को बनाना है। समिति सदस्यों का कहना है कि यहां जंगली जानवरों का रास्ते में आना-जाना लगा रहता है, नशे की हालत में यहां न आएं और किसी प्रकार का विवाद भी न करें।
वनवासियों ने बतायी समस्या
आदिवासी सेवा समिति की बैठक में ग्राम छीपापुरा, मादीखोह की 15 महिलाएं अपनी समस्या लेकर पहुंची थी। महिलाओं का कहना है कि वे लोग वर्षों से इन गांवों में रह रहे हैं। लेकिन, विस्थापन के बाद कुछ अन्य गांवों को यहां आसपास बसाया जा रहा है जिससे चारागाह और निस्तार की समस्या उत्पन्न हो रही है। विस्थापित गांव आने से हमारी निस्तार की जमीन एवं पशु चराने, मुक्तिधाम की जगह वन विभाग द्वारा विस्थापन वाले गांव को दी जा रही है, इस पर रोक लगायी जाए। समिति अध्यक्ष बलदेव तेकाम, सचिव जीतेंद्र इवने, उपाध्यक्ष मन्ना दादा, सलाहकार अवध राम कुमरे, गज्जू सरेआम, सरिता, सुमंत इवने, सुखवंती आहके एवं मीडिया प्रभारी विनोद बारीवा सहित समिति ने इन महिलाओं का पीड़ा को प्रशासन के समक्ष रखकर निराकरण कराने की बात कही है।