इटारसी। द्वितीय अपर सत्र न्यायालय की पीठासीन अधिकारी श्रीमती प्रीति सिंह की अदालत ने शिवनगर चांदौन आयुध निर्माणी पथरोटा निवासी दिनेश उइके पिता स्व. रामकिशोर उम्र 28 वर्ष को भारतीय दंड विधान की धारा 376 में दोषी पाते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसी तरह से धारा 506 भारतीय दंड विधान के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थ दंड अदा नहीं करने पर उसे एक वर्ष एवम चार माह का अतिरिक्त स षृम कारावास ओर भुगतान होगा। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से संपूर्ण पैरवी सीनीयर अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने की है।
अभियोजन कहानी के अनुसार 28 जून 2014 को शाम 7:10 पीडि़ता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जब वह 19 जून 2014 को दोपहर 2 बजे तहसील पहुंची थी तो आरोपी दिनेश उसे वहां मिला और उसने उसके दोस्त पुरु के मकान में ले गया और अंदर जाकर कर दरवाजा लगाकर उसके मना करने पर उसके साथ जबरदस्ती बुरा काम किया था। उसे जान से मारने की धमकी दी थी जिसके कारण उसने किसी को कुछ बताया नहीं था और डर के कारण 25 जून 2014 को अपने बड़े पापा के मकान होशंगाबाद में रहने वाली मंजू दाईमा में और उसके पति अनिरुद्ध सारी बातें बताई थी। इसके बाद घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस प्रकरण में न्यायालय ने यह आदेश दिया है कि आरोपी द्वारा पीडि़ता को एवं उसके परिजन को जान से मारने की धमकी देते हुए अनजान मोबाइल नंबर से पहले बार-बार फोन किया गया। उसके बाद आरोपी से मिलने के लिए पीडि़ता को धमकी दी गई जिसका कारण जानने हेतु पीडि़ता आरोपी से मिलने गई थी तो आरोपी ने पीडि़ता की भावनात्मक स्थिति का फायदा उठाते हुए उसके साथ एकांत स्थान में ले जाकर उसके साथ बलात्कार का अपराध किया है। इस प्रकार आरोपी का कृत्य गंभीर प्रकृति का प्रकट होता है। उसे परिवीक्षा का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। इसलिए आरोपी दिनेश उइके को धारा 376 (1) एवं धारा 506 (2) भारतीय दंड विधान के तहत दोषी पाते हुए उक्त सजा से दंडित किया जाता है।
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फैसला : दुष्कर्म के आरोपी को सश्रम कारावास
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