इटारसी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले शुक्रवार को राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अपनी कार्यवाही स्थगित कर हड़ताल कर दी। देशभर के करीब दस लाख से अधिक बैंक कर्मी एवं अधिकारियों ने सरकार द्वारा बैंक आफ बड़ौदा, देना बैंक एवं विनियम बैंक के विलय के प्रयासों का विरोध कर अपनी मांगों के समर्थन में कामकाज बंद रखा। इससे करीब पांच सौ करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित होने का अनुमान है।
बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर शहर में भी देखने को मिला जहां शहर की सभी राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहीं। इधर आज बैंक बंद होने से शहर में इसका खासा असर तो नहीं पड़ा, लेकिन बैंकों में लेनदेन अवश्य प्रभावित रहा। बैंक में रोजमर्रा के ग्राहक बैंक तक आकर वापस लौट गए क्योंकि उनको हड़ताल की जानकारी नहीं थी। बैंकर्स के सबसे बड़ी कर्मचारी यूनियन ने 26 दिसंबर को समूचे राष्ट्र में बैंकों की हड़ताल करने की घोषणा की है। इधर सोशल मीडिया पर बैंक के पांच दिनों तक बंद रहने की जानकारी मिल रही है। 21 दिसंबर को यह हड़ताल रही वहीं 22 दिसंबर शनिवार एवं 23 दिसंबर रविवार होने से बैंक बंद रहेंगी। इस दौरान केवल सोमवार 24 दिसंबर को बैंक खुलेंगी और 25 को फिर क्रिसमस का अवकाश रहेगा। आज बैंक की हड़ताल के चलते सुबह से बैंकों की शाखाओं में ताले डले रहे। कुछ उपभोक्ताओं ने कियोस्क सेंटर जाकर अपना काम चलाया तो कुछ ने एटीएम से लेनदेन करके काम चला लिया। लेकिन लंबे समय तक बैंक बंद रहने से एटीएम भी कब तक साथ देंगे, यह चिंता ग्राहकों को सता रही है।
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बैंक हड़ताल : पांच सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित
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