इटारसी। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कुर्मी क्षत्रिय समाज एवं गायत्री परिवार की पहल रंग ला रही है। जिसका एक अच्छा उदाहरण ग्राम सोमलवाड़ा में सामने आया है। यहां एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता गजेन्द्र गौर के आकस्मिक निधन पर मृत्युभोज की जगह गायत्री पूजन एवं स्मृति वृक्ष लगाकर दिवंगत युवक को श्रद्धांजलि दी गई।
कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रवक्ता गिरीश पटेल ने बताया कि मृत्युभोज समाज की एक बड़ी कुरीति होने के साथ ही सामाजिक अभिशाप भी है जिसे समाज से दूर करना समस्त जन का कर्तव्य है। इसी के चलत समाज इसे बंद करने अभियान चला रहा है। ग्राम सोमलवाड़ा निवासी समाजसेवी शैलेन्द्र गौर के छोटे भाई गजेन्द्र गौर का आकस्मिक निधन गत दिवस सड़क दुर्घटना में हो गया था। युवक के परिजन उनकी रसोई करना चाह रहे थे लेकिन समाज संगठन एवं गायत्री शक्तिपीठ होशंगाबाद की समझाइश पर परिजनों ने स्व. युवक गजेन्द्र की आत्मशांति के लिए रसोई के जगह गायत्री दीप यज्ञ का आयोजन किया और आम का एक वृक्ष स्मृति के रूप में घर के पास ही खेत में लगाया और आत्मा की शांति के लिए पुष्पांजलि आयोजित की।