इटारसी। आल यूनियन एंड एसोसिएशन आफ बीएसएनएल मप्र के बैनर तले कंपनी के कर्मचारियों ने टॉवर कंपनी के विरोध में आज चिलचिलाती धूप में भी रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। कंपनी कर्मचारियों ने उनके आंदोलन में आमजन से भी सहयोग की मांग की है। आंदोलनकारियों का कहना है कि देश में एक सरकारी कंपनी का होना जरूरी है क्योंकि इसका नेटवर्क देशभर में फैला है।
सरकार ने अक्टूबर 2000 में दूरसंचार विभाग को बीएसएनएल कंपनी बना दिया, उस समय यह देश का सबसे ज्यादा राजस्व कमाने वाला विभाग था। सरकार ने मोबाइल लायसेंस समय पर अलाट नहीं किए और प्रायवेट कंपनियों को खुली छूट दी जिससे देर से मोबाइल सेवा शुरु हुई। सरकार अब भी बीएसएनएल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, इस कारण 4 जी सेवा लाने में देरी हो रही है। अभी हर गांव में घाटे में रहने के बावजूद अपनी बेसिक सेवा दे रहे हैं, सरकार इसके बदले में धन भी नहीं दे रही है। अब सरकार बीएसएनएल के टुकड़े करके एक अलग टॉवर कंपनी बना रही है जिसका हम विरोध कर रहे हैं। टॉवर कंपनी मनमाने दाम वसूलेगी और कंपनी की आय का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो जाएगा, बाद में सरकार इसे निजी हाथों में बेच देगी।