इटारसी। श्रीदुर्गा नवग्रह मंदिर (SHRI Navgrah Durga Mandir) लक्कडग़ंज में सावन मास में 6 जुलाई से भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप का पूजन एवं रूद्राभिषेक जारी है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए कर्मकांडी ब्राह्मण भगवान शिव का पूजन एवं रूद्राभिषेक(Rudrabhishek) एवं महामृत्युंजय जाप (Mahamrityunjaya Chant )निरंतर कर रहे हैं। भगवान से कोरोना महामारी के खात्मे की प्रार्थना की जा रही है।
इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भक्त मंदिर परिसर में अत्यंत सीमित संख्या में आ रहे हैं। भक्तों को संबोधित करते हुए पं. विनोद दुबे ने कहा कि जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़े तब द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने कंस का वध करके पृथ्वी को पापों से मुक्त किया और त्रेतामें जब राक्षसों ने सिर उठाया तब श्रीराम ने पापों से मुक्ति दिलाई। उन्होंने कहा कि सृष्टि का पालनहार और संहारक एक ही है, जिसे अभ्यंकरण, प्रलयंकर, आशुतोष, औघड़दानी भगवान शिव के रूप में जाना जाता है।
श्री दुबे ने कहा कि हिंदू धर्म में श्रावण मास का अभिषेक महत्व है, क्योंकि भगवान शिव की आराधना इसी माह में की जाती है, उन्हें प्रसन्न करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए व्रत रखे जाते हैं, परंतु सोमवार का व्रत अपना विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोल लेना चाहिए यानी कि एक समय भोजन कर लेना चाहिए। पं. यतीन्द्र दुबे ने सपत्नीक यजमान के रूप में पूजन एवं रूद्राभिषेक किया।