इटारसी। श्रीदुर्गा नवग्रह मंदिर लक्कडग़ंज में शुक्रवार सायंकाल 6:30 बजे भगवान शालिगराम एवं तुलसी का विवाह कराया जाएगा।
मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद पगारे ने बताया कि देव उठनी ग्यारस के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह करने की प्राचीन परंपरा है। इस दिन सुहागन महिला को यह विवाह जरूर करना चाहिए ऐसा करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मंदिर के भक्त परिवारों में से ही दो बच्चों को तुलसी और विष्णु बनाया जाता है। जिस परिवार से तुलसी दुल्हन के रूप में आती है वह परिवार दुर्गा नवग्रह मंदिर में अपनी बेटी के साथ मौजूद रहता है एवं जिस परिवार से विष्णु भगवान दुल्हा बनते हैं वे और मोहल्ले के लोग सभी बराती होते हैं तथा विष्णु भगवान को दुल्हे के रूप में गाजे-बाजे और जोरदार आतिशबाजी के साथ तुलसी मंडप में लाया जाता है। ताजे गन्नों का मण्डप बनाया जाता है और बीच में तुलसी के पौधे और शालिगराम भगवान को रखा जाता है। विष्णु भगवान जब दुल्हे के रूप में आते हैं, जोरदार ढंग से उनकी अगवानी होती है। मंदिर के पुजारी सत्येन्द पांडे उनका विवाह संपन्न कराते हैं उसके पश्चात पांव पखरई का कार्यक्रम होता है। वर पक्ष का स्वागत अपनी हैसियत के अनुसार कन्या पक्ष करता है। मंदिर समिति के सचिव जितेन्द्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष दीपक जैन, प्रचार सचिव सुरेन्द्र राजपूत, सदस्य अमित मौर्य, सुनील दुबे ने धर्मप्रेमी नागरिकों से तुलसी विवाह में शामिल होने का आग्रह किया।