सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी को अनुमति

Post by: Manju Thakur

खरीदी बंद, आलू-प्याज खराब होने का खतरा
इटारसी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन ने पूरे मप्र में सौदा पत्रक के आधार पर किसान से माल खरीदने की स्वीकृति दी है। सौदा पत्रक में समझौते के आधार पर किसान और व्यापारी आपसी सहमति से किसान के खेत से ही माल खरीदकर ले जा सकेंगे, लेकिन इसके लिए व्यापारियों को उपज का एक सैंपल मंडी प्रशासन के पास जमा करके टैक्स चुकाना होगा।
यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद व्यापारी अपना माल किसी भी जिले में ले जा सकेगा। मंडी में सेंपल देने से भविष्य में किसी प्रकार के विवाद का निदान किया जा सकेगा। यानी मंडी थर्ड पार्टी फेसलेटर रहेगी। इन दिनों जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं व अन्य उपज की खरीदी शुरू हो गई है। बावजूद इसके किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सरकार ने रेड जोन के अंतर्गत आने वाली मंडियों में सौदा पत्रक के माध्यम से व्यापारियों को उपज बेचने की सुविधा प्रदान कर दी है। इसके अनुसार व्यापारी अपने परिसर में या गोदाम प्रांगण से उपज खरीद सकते हैं।

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अब सभी अनुज्ञप्तिधारी करेंगे खरीद
दरअसल, अभी केवल आईटीसी को एकल लायसेंस मिला था जो पूरे मप्र में कहीं भी किसानों से माल खरीदी करती थी। लेकिन, नये आदेशों के अंतर्गत अब सभी व्यापारी सौदा पत्रक के माध्यम से किसानों से उपज खरीद सकते हैं। मप्र में ऐसी व्यवस्था इससे पहले केवल भोपाल और रायसेन की बाड़ी कृषि मंडी में थी। इस नयी व्यवस्था में किसान और व्यापारी सहमति से गुणवत्ता के आधार पर खरीदी करेंगे और किसी भी प्रकार के विवाद का निकाल हो सके, इसके लिए एक सेंपल मंडी प्रबंधन के पास जमा करेंगे ताकि यदि किसान कोई माल दिखाकर दूसरा देता है तो उसका निराकरण कराया जा सके। यानी मंडी इसमें थर्ड फेसलेटर रहेगी।

ऐसा होता है सौदा पत्रक
सौदा पत्रक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसान मर्जी से कहीं भी किसी व्यापारी को अनाज बेच सकता है। व्यापारी उस खरीदे हुए अनाज का सैंपल व जानकारी किसान और व्यापारी के हस्ताक्षर के बाद मंडी प्रशासन को देंगे। इसमें व्यापारी शामिल होता है जो इस मंडी में रजिस्टर्ड है। सौदा पत्रक के बाद व्यापारी को सब्जियों के लिए डेढ़ प्रतिशत व अनाज के लिए 1.70 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है। मंडी से भुगतान पत्रक व अनुज्ञा जारी होने पर व्यापारी माल को कहीं भी ले जा सकता है। किसान तय शर्त पर व्यापारी के पास खुद माल भेज देता है या व्यापारी खेत से ही माल उठा लेता है। इसमें किसान चक्कर लगाने और माल ढुलाई से बच सकेगा।

इनका कहना है…!
शहर में पहले से ही सात क्रय केन्द्र हैं, जहां सौदा पत्रक के माध्यम से खरीद होती है। पहले केवल आईटीसी को एकल लायसेंस प्राप्त था, अब इसके माध्यम से सभी व्यापारियों को खरीद करने का अवसर मिलेगा। यह सुविधा फिलहाल छह माह के लिए प्रदान की गई है जिसमें गांव से किसान की सहमति से गुणवत्ता के आधार पर व्यापारी माल खरीद सकेंगे।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा, मंडी सचिव
 
खरीदी बंद, आलू-प्याज खराब होने का खतरा
लॉक डाउन के कारण आलू और प्याज गोदामों में खराब न हो, इसके लिए प्रशासन ने कृषि उपज मंडी परिसर से उन लोगों को देने का निर्णय लिया था, जो होम डिलीवरी करने के इच्छुक थे। सभी से आवेदन ले लिये गये थे और नगर पालिका की टीम के साथ तहसीलदार के नियंत्रण में मंडी की टीम ने होम डिलीवरी करने वालों को ये आलू और प्याज बेचना भी प्रारंभ कर दिया था। लेकिन, अचानक प्रशासन ने होम डिलीवरी भी बंद कर दी। इसके बाद से ही कृषि उपज मंडी परिसर में सैंकड़ों बोरे आलू और प्याज के वहीं रखे हैं और आलू-प्याज खराब होने की आशंका बढ़ गयी है। हालत यह है कि कृषि उपज मंडी परिसर में आलू प्याज के बोरे शेड के नीचे पड़ है जबकि शहर की जनता महंगे दामों में आलू प्याज लेने को मजबूर हो रही है। कृषि उपज मंडी प्रांगड़ में आलू प्याज का बंपर स्टॉक है और कुछ कालाबाजारी 10 का आलू 30, 35 में और 15 की प्याज 25, 30 में बेच रहे हैं।

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