14 लोग उपचार हेतु पहुंचे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
प्रमोद गुप्ता, सारणी। पुनर्वास कैंप के फुलवरिया गांव में स्वाइन फ्लू फैल जाने से हड़कंप मच गया है। फुलवरिया गांव के 14 लोगों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी लाया गया था। जिसमें से तीन को उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी में 26 वर्षीय पंकज बोकडे लैब टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ थे उनकी 27 सितंबर को नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई है। बताया जाता है कि उनकी मौत स्वाइन फ्लू की वजह से हुई है।
स्वाइन फ्लू की वजह से मौत हो जाने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के छोटे बड़े सभी कर्मचारी अब किसी भी मरीज का उपचार करने में भयभीत दिखाई देने लगे। स्थिति यह निर्मित हो गई है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी किसी भी मरीज को जल्दी से छूने में परहेज कर रहे।
दहशत का माहौल
पाथाखेड़ा के शोभापुर कॉलोनी में निवास करने वाले तीन लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से पूर्व में हो चुकी है। ऐसी स्थिति में शहरी क्षेत्रों में साफ सफाई की। नगर पालिका परिषद सारणी के माध्यम से ध्यान दिया जा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार स्वाइन फ्लू फैल जाने के कारण स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवालिया निशान उठने लगे हैं। बताया जाता है कि घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के 172 गांव के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी पर है लेकिन इस अस्पताल में स्वाइन फ्लू का उपचार नहीं है।
इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी के डॉक्टर अपने लेब टेक्नीशियन को स्वाइन फ्लू की बीमारी से बचा नहीं पाए हैं। ऐसी स्थिति में घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के 172 गांव में निवास करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य के प्रति प्रश्न चिन्ह उठने लगा है
इनका कहना है…!
आज पुनर्वास केंद्र चोपना के फुलवरिया गांव से जिन 14 मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी लाया गया था उसमें ज्यादातर मरीज सर्दी खासी के थे। तीन मरीज संदिग्ध परिस्थिति में दिखाई दिए जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है ।
डॉक्टर शैलेश साहू प्रभारी बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ाडोंगरी