देश प्रदेश के 31 विलक्षण प्रतिभावान शिक्षकों का हुआ सम्मान

Post by: Aakash Katare

जन गण मन, पद प्रक्षालन एवं महाआरती से कार्यक्रम का उद्घोष

इटारसी। सोमवार को शिक्षक दिवस (Teacher’s day) के अवसर पर विपिन जोशी स्मारक समिति (Vipin Joshi Memorial Committee) द्वारा 38 वें वर्ष में राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन स्थानीय साईं कृष्णा रिसोर्ट में किया। सम्मान समारोह में देश प्रदेश से आए हुए 31 चुनिंदा शिक्षकों का अपनी विलक्षण प्रतिभा के चलते सम्मान किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि पूर्व गृह उपमंत्री विजय दुबे काकू भाई (Former Home Deputy Minister Vijay Dubey Kaku Bhai), विशेष अतिथि नर्मदा हेल्थ ग्रुप के संचालक डॉ राजेश शर्मा, समिति के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रमेश के साहू, संस्थापक एवं संरक्षक प्रमोद पगारे, संतोष सरवरिया, संतोष अग्रवाल, चन्द्रप्रकाश अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। कार्यक्रम का उद्घोष जन, गण, मन, पद प्रक्षालन और महाआरती के साथ किया।

समिति अध्यक्ष रमेश साहू, स्वागत अध्यक्ष दर्शन तिवारी, सचिव विनीत चौकसे, कोषाध्यक्ष नीलेश जैन, प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा द्वारा अतिथियों का पुष्पहार एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। समिति अध्यक्ष रमेश साहू एवं सविता साहू ने सभी शिक्षकों का पद प्रक्षालन किया, इस दौरान विप्र समुदाय द्वारा स्वस्तिवाचन किया गया।

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कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए समिति अध्यक्ष रमेश के साहू ने कहा कि परिवार में अंग्रेजों के एवं शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के मान सम्मान की शिक्षा प्रारंभिक रूप से हम अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे हैं, इसी का परिणाम है कि हम उन्हें संस्कारवान भी नहीं बना पा रहे हैं। शिक्षक या माता पिता का सम्मान कोई एक दिन की औपचारिकता नहीं है इस बात को हमें अपनी आगामी पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ राजेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु वह है जो अपने शिष्यों को बुलंदी तक ले जाता है, बिना शिक्षक के किसी भी व्यक्ति की उन्नति और विकास संभव नहीं है। सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए शिक्षकों से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेलकूद में भी समान अवसर प्रदान करें।

मुख्य अतिथि विजय दुबे (Vijay Dubey) ने कहा कि वर्तमान में जहां सरकार शिक्षकों की चिंता नहीं करती, वहीं विपिन जोशी स्मारक समिति लगातार 38 वे वर्ष में आयोजन करके जीवन में शिक्षकों के महत्व को बढ़ा रहे हैं।

श्री दुबे ने सभी समिति सदस्यों को बधाई दी। कार्यक्रम का सर्वश्रेष्ठ सम्मान सरस्वती पुत्र सम्मान एमजीएम कॉलेज के प्रोफेसर पवन कुमार अग्रवाल (MGM College Professor Pawan Kumar Agarwal) को दिया, वहीं दधीची सम्मान कन्या शाला नर्मदापुरम के दिव्यांग शिक्षक हेमंत कुमार साहू को दिया। समिति के संस्थापक एवं संरक्षक प्रमोद पगारे (Pramod Pagare) ने कहा कि 1985 से प्रारंभ हुआ शिक्षक सम्मान समारोह आज राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह के रूप में मनाया जा रहा है और इस आयोजन की देश-विदेश में ख्याति है।

उन्होंने कहा कि इसका पूरा श्रेय समिति के अध्यक्ष रमेश के साहू को जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है, इस वर्ष में 112 आवेदन आए और जिनका चयन हुआ वे पूर्णत: योग्य हैं परंतु जिनका चयन नहीं हो सका उनकी प्रविष्टियां आगामी 2 वर्षों तक सुरक्षित रखी जाती हैं और उनसे कम पात्र होने पर उन्हें सम्मान में शामिल किया जाता है। संचालन अनिल झा ने किया। कार्यक्रम में मंजुराज ठाकुर, विकास दुबे, सत्यम अग्रवाल, अशोक मालवीय, केके सोनी, आशुतोष व्यास, बंटी नामदेव, हिमांशु बाबू अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।

सिलसिले हिंदी कविता संग्रह का हुआ विमोचन

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डॉ ऋतु तिवारी, दयानंद आर्य कन्या महाविद्यालय नागपुर में एसोसिएट प्रोफेसर की सिलसिले हिंदी कविता संग्रह की एक पुस्तक का विमोचन इस मौके पर हुआ। इस किताब की प्रत्येक कविता बहत हीँ प्रेरणादायक एवं अर्थ पूर्ण है। इस पुस्तक में कुल 100 कविताएं हैं। इस कविता को पढ़कर दिल रोमांचित हो उठता है इस पुस्तक की कविता बहुयामी प्रकृति के हैं। प्रेम, भक्ति, संघर्ष, शक्ति, जिज्ञासा इत्यादि से जुड़ी हुई हर प्रकार की कविता मन मे ओज और चैतन्य भर देती है।

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