मध्य प्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मचारी आज से हड़ताल पर

मध्य प्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मचारी आज से हड़ताल पर

इटारसी। मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को सरकार ने अवैध घोषित कर दिया है। सरकार ने एस्मा लगाते हुए हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि हड़ताल से प्रदेश में ब्लैकआउट के हालात बन सकते हैं। बिजली कर्मचारियों की पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के साथ हुई बैठक विफल होने के बाद प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के 52 जिलों के कलेक्टर को हड़ताल का नोटिस दिया था। इसमें प्रदेश के 70 हजार बिजली कर्मचारियों के शुक्रवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई थी, आज से कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं।

बिजली कर्मियों की पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक के साथ 3 दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। इसके बाद बिजली कर्मियों ने 52 जिले के कलेक्टरों को हड़ताल का नोटिस दे दिया। हड़ताल में ऊर्जा विभाग के अधीनस्थ सभी छह विद्युत कंपनियों यथा एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, मप्र पूर्व, मध्य, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, भोपाल, इंदौर एवं मप्र पावर ट्रांसमिशन, जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों तथा बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से नियोजित कर्मियों की सेवाएं शामिल हैं।

बिजली कर्मियों की मांग

  • ज्वाइंट वेंचर एवं टीबीसीबी वापस लिया जाए पेंशन की सुनिश्चित व्यवस्था, डीआर के आदेश, चतुर्थ वेतनमान के आदेश जारी किए जाए
  • सातवें वेतनमान में 3 स्टार मैट्रिक्स विलोपित किया जाये
  • संविदा का नियमितिकरण एवं सुधार उपरांत वर्ष 2023 संविदा नीति लागू की जाए
  • आउटसोर्स कर्मियों की वेतन वृद्धि के साथ 20 लाख का दुर्घटना बीमा एवं 3000 रुपये का जोखिम भत्ता दिया जाए
  • कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर मूल वेतन 25 हजार 300 रुपये से अधिक किया जाये
  • वर्ष 2018 के बाद के कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन विसंगति दूर की जाए
  • उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता एवं कर्मचारियों को कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति हेतु नीति बनाई जाए
  • ट्रांसमिशन में आईटीआई कर्मचारियों को क्लास 4 की जगह क्लास 3 में रखा जाए
  • सभी वर्गों की वेतन विसंगतियां, अनुकंपा नियुक्ति में मध्य प्रदेश शासन अनुसार नीतियों में सुधार, कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, गृह जिले में स्थानांतरण, संगठनात्मक संरचना का पुनर्निरीक्षण एवं अन्य मांगों पर निर्णय लिया जाए
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AUTHORRohit

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