सिवनी मालवा। राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) द्वारा बजट (Budget) सत्र में पुरानी पेंशन बहाली संकल्प घोषणा के बाद अब मध्य प्रदेश में भी कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन (Pension) की मांग तेज कर दी गई है।नवीन पेंशन योजना एनपीएस (NPS) का विरोध देशभर के कर्मचारी कर रहे हैं। नवीन पेंशन योजना में कर्मचारी को नुकसान हो रहा है एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे सम्मानजनक पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। वर्तमान में देश के लगभग सभी राज्यों में नवीन पेंशन योजना लागू है जो 1 जनवरी 2005 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों पर लागू की गई है जिसमें 10 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी का एवं 14 प्रतिशत अंशदान शासन का होता है। कर्मचारी के रिटायरमेंट (Retirement) के बाद जमा राशि का केवल 60 फीसद राशि कर्मचारी को दी जाती है और 40 फीसद राशि में मासिक पेंशन बनाई जाती है जो बहुत ही कम है। वर्तमान में नवीन पेंशन से जो कर्मचारी रिटायरमेंट हो रहे हैं जिसकी मासिक सैलरी (Salary) 70,000 रुपए है उसे मासिक पेंशन मात्र 800 या 900 बन रही है।
मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष राममोहन रघुवंशी (Rammohan Raghuvanshi) ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राजस्थान सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाल की जाए एवं नवीन पेंशन योजना को बंद किया जाए। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि मासिक पेंशन के रूप में दी जाती है, जो सम्मानजनक राशि होती है। नवीन पेंशन योजना में जो राशि प्राप्त होती है उससे परिवार चलाना कठिन है। महेश परमार (Mahesh Parmar) विधायक तराना, कुणाल चौधरी (Kunal Chaudhary) विधायक कालापीपल, डॉ हीरालाल अलावा (Dr. Hiralal Alava) विधायक मनावर, देवेंद्र पटेल (Devendra Patel) विधायक उदयपुरा, हर्ष विजय गहलोत (Harsh Vijay Gehlot) विधायक सैलाना तथा पीसी शर्मा (PC Sharma) विधायक दक्षिण भोपाल (Bhopal) ने भी मुख्यमंत्री से मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।