मध्यप्रदेश की मंडी में संभवत: पहली बार बिकी जली हुई फसल

Post by: Rohit Nage

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टिमरनी। मध्यप्रदेश की किसी मंडी में अब तक जली हुई फसल नहीं बिकी होगी। संभवत: पहली बार टिमरनी मंडी में विधायक के प्रयास से एक व्यापारी ने जली हुई फसल खरीदी है। दरअसल, मामला एक अग्निपीडि़त किसान की मदद से जुड़ा हुआ है। टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के वन ग्राम रूटबर्रा के आदिवासी किसान मांगीलाल और उनकी पत्नी की रातों रात दुनिया ही उजड़ गई और मुसीबतों का पहाड़ उन पर आ गिरा। शाम को जब वह काम से घर लौट कर आए तो देखा, उनके घर को आग ने पूरी तरह जला कर राख कर दिया था।

घर तो बचा ही नहीं था। बचा था तो दूसरे कोने में अधजली हुई, गेहूं और चने की फसल। हालत यह थी कि न खाने के लिए कुछ बचा था, ना ही पहनने के लिए कपड़े। जब उन्होंने अपनी अधजली हुई फसल बेचने का प्रयास किया तो उन्हें मना कर दिया गया और फाडिय़ा व्यापारियों द्वारा ब-मुश्किल 500 रुपए क्विंटल का भाव बताया। ऐसे में टिमरनी क्षेत्र के विधायक अभिजीत शाह उनके लिए आशा की एक किरण बन कर पहुंचे। टिमरनी विधायक किसान की जली हुई फसल लेकर, खुद ट्रैक्टर चलाकर, सिराली मंडी पहुंचे और सिराली के व्यापारियों से निवेदन कर कहा कि मैंने आज तक आप लोगों से कुछ नहीं मांगा। आज पहली बार आपसे, इस लाचार गरीब किसान के लिए कुछ मांग रहा हूं। मैं जानता हूं कि इस से आपका नुकसान होगा, पर एक बार फायदे या नुकसान के लिए नहीं बल्कि मानवता का परिचय देते हुए गरीब किसान की मदद करिए। और संभवत: पहली बार मध्यप्रदेश में किसी भी मंडी में जली हुई फसल का भाव लगाइए।

परिणाम ये हुआ कि की मंडी में पहली बार एक अधजले और गीले गेहूं की ट्राली का भाव एक अच्छे गेहूं से भी अधिक मिला। गेंहू 2501 रुपया और चने का भाव 6011 रुपया क्विंटल के हिसाब से किसान को मिला। चूंकि आचार सहिता के कारण विधायक निधि पर प्रतिबंध लगा हुआ है, विधायक ने अपने जेब के पैसों से 15 हजार रुपए की मदद भी की और गरीब आदिवासी किसान के पूरे परिवार को पहनने और ओढऩे-बिछाने के कपड़ों के साथ बर्तन एवं राशन दिलाया। मानवता का परिचय देते हुए किसान की जिंदगी में भगवान का स्वरूप बन कर आए व्यापारी का नाम विवेक सोमानी है, जिन्होंने ये फसल इतने ऊंचे दाम पर खरीदी। व्यापारी विवेक सोमानी से जब पूछा गया कि वो इस फसल का क्या करेंगे? तो उन्होंने बताया कि फसल बहुत ही खराब हो चुकी है। वो इसे उपयोग में नहीं ला पाएंगे। खरीदने का उद्देश्य केवल किसान की मदद करना था, हम सभी को मानवता का परिचय देना चाहिए।

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