कमिश्नर ने नर्मदा के तटीय क्षेत्र के गांवों का दौरा कर स्थिति जानी
होशंगाबाद। आधी सदी पूर्व नर्मदा का प्रवाह कैसा था, इसके तटवर्ती क्षेत्रों में कौन सी वनस्पति, कौन से वृक्ष और घास होती थी। यह सब जानने के लिए प्रशासन आज बाबई ब्लाक के नर्मदा किनारे गांवों में गया और बुजुर्गों से बात की. नर्मदा के तटीय इलाकों की स्थिति जानने पहुंचे कमिश्रर को बुजुर्गों से नर्मदा तटों की आधी सदी पूर्व की समृद्ध प्राकृतिक संपदा की अनेक महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
कमिश्नर उमाकांत उमराव ने नर्मदा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों की अद्यतन स्थिति जानने बाबई विकासखण्ड के ग्राम बीकोर, खरगावली, गनेरा व जनकपुर का भ्रमण किया। उन्होंने नदी के रिपेरियन जोन में लगभग समाप्त हो चुकी वनस्पतियों, झाड़, झंकाड़, वृक्षों, घास की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली. गांव के बुजुर्गों से पूछा कि आज से 50-60 वर्ष पूर्व मां नर्मदा का प्रवाह कैसा था, कैसी वनस्पतियां, वृक्ष, घास, झाडियां यहां पाई जाती थी? बुजुर्गों बताया कि नर्मदा 50-60 वर्ष पूर्व हरदम वनस्पतियों, वृक्षों, झाड़, झाडिय़ों व घास से आच्छादित थी। चारों ओर हरियाली की चुनरी ओढ़े रहती थी किंतु वनस्पतियों, के वृक्षों के व घास, झाडिय़ों के समाप्त होने पर इसके प्रवाह में भी कमी आई है और जलस्तर कम हो चला है, नर्मदा दिन ब दिन प्रदूषित भी होती गई है। साल दर साल नदी का कटाव भी होता गया है. जलीय जीव जंतु भी लगभग विलुप्त हो चुके हैं। पहले नर्मदा के पानी को शुद्ध करने महाशिर मछली व जलीय कछुएं बहुतायत में पाए जाते थे। कमिश्नर श्री उमराव ने लोगों से नदी की गहराई, मिट्टी का कटाव, फसलों पर प्रभाव की जानकारी भी ली। खरगावली के बुजुर्ग श्री दीक्षित ने बताया कि 1973 से पहले एवं वर्तमान तक उनकी कुल 40 एकड जमीन नर्मदा नदी में समाहित हो गई है और यह सब तटीय क्षेत्र में वृक्षों के समाप्त होने के कारण मिट्टी से होने वाले कटाव के चलते हुआ है। कमिश्नर ने अधिकारियों, जन अभियान परिषद के पदाधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों को निर्देशित किया कि नर्मदा के जल की धारा को निर्मल, अविरल व प्रदूषण से मुक्त कराने रिपेयरिंग जोन में बड़े पैमाने पर वनस्पतियों जैसे अर्जुन, कट जामुन, बबूल, बांस, मोलश्री, खाखरा, पलास, गूलर, साजा, नीम, दूधी, कूड़ा के वृक्ष, अडुसा, भरोर, फाली, भारंगी, गटेरण, मेंहार, चित्रक, केवड़ा, आइल, गंगरूआ की झाड़ी लगाए, महाशिर मछली व जलीय कछुए छोड़े. इस दौरान जनपद पंचायत होशंगाबाद के सीईओ उदय सिंह भदौरिया, तहसीलदार शिवानी पांडे, संयोजक जन अभियान परिषद कौशलेश तिवारी, लायंस क्लब, रोटरी क्लब के सदस्य, अटल बाल पालक व संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।