ग्राम नांदनेर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम
इटारसी। स्वतंत्रता दिवस की शाम करीब 5 बजे से लापता गांव के पांच वर्षीय बच्चे ऋषभ का कहीं कोई सुराग अब तक हाथ नहीं लगा है। पथरोटा थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज है। पुलिस ने गांव के कुओं में उसकी तलाश करा ली, उसके पिता ने किसी जंगली जानवरी देखे जाने की आशंका जतायी तो वन विभाग के साथ आज जंगलों की खाक भी छान ली। बड़ी-बड़ी घास और जंगली झाडिय़ों में उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं।
अब तक ऋषभ सराठे के विषय में कोई सुराग नहीं मिला है। चार से पांच घंटे वन विभाग की टीम जंगलों की खाक छानती रही है। एसडीओपी उमेश द्विवेदी, पथरोटा थानेदार गिरीश दुबे और रेंजर लखनलाल यादव के नेतृत्व में दोनों विभाग के कर्मचारियों ने सर्चिंग की है।
पुलिस और वन अधिकारियों ने लापता बच्चे ऋषभ के परिजनों से भी बातचीत की और उसके पिता के बयान लिए हैं। उसके पिता ने पहले गांव में तेंदुआ होने की आशंका जाहिर की थी, लेकिन आज वे यह कहते रहे कि उन्होंने जानवर देखा है, लेकिन अंधेरा होने की वजह से यह नहीं बता सकते कि वह तेंदुआ था या कोई ओर जानवर। पुलिस ने आज उसके पिता के बयान के आधार पर आशंका जताते हुए ही संयुक्त दल बनाकर सर्चिंग की है।
पथरोटा थाना प्रभारी गिरीश दुबे ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं। अपहरण की आशंका को खारिज करते हुए उनका मानना है कि यह दिन में संभव नहीं है, क्योंकि वहां किसी बाहरी व्यक्ति को आते किसी ने नहीं देखा। पुलिस का मानना है कि अचानक इस तरह से बच्चा लापता हुआ है तो किसी जंगली जानवर द्वारा ले जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। जिस जगह से बच्चा लापता हुआ है, वह सुनसान क्षेत्र है और वहां आसपास उस दिन किसी की मौजूदगी भी नहीं थी। बताया जाता है कि गांव के ज्यादातर लोग खेतीहर मजदूर हैं और वे खेतों में निंदाई के लिए गए हुए थे। इधर वन विभाग जंगली जानवर से इनकार कर रहा है। रेंजर एलएल यादव का कहना है कि कोई भी हिंसक जंगली जानवर दिन में किसी गांव में नहीं आता है। यदि बच्चे को उठाया था तो बच्चे के चिल्लाने की आवाज किसी ने क्यों नहीं सुनी? बावजूद इसके हमने वहां सर्चिंग करायी है, तो जंगली जानवर की मौजूदगी के कोई निशान भी नहीं हैं।
बच्चे के पिता बालकदास का कहना है कि दोपहर 3 बजे उसने साथ ही खाना खाया और फिर दो पहिया की गाड़ी से खेलने के लिए निकल गया। इस दौरान वह कीचड़ में गिरा फिर वापस घर आया और कपड़े बदलकर घर के पीछे तरफ गांव में ही बच्चों के साथ खेलने निकल गया। बच्चों ने उसके पिता को बताया कि वह पांच बजे तक उनके साथ था, फिर घर चला गया। बच्चों के अनुसार ऋषभ घर का कहकर गया, परिजनों का कहना है कि वह घर नहीं आया। बच्चे के पिता उसकी तलाश में निकले तो रात में उनको अंधेरे में कोई जानवर दिखा तो वे वापस लौट आए।