इटारसी। वर्ष 2008 में हुए कुलदीप महालहा हत्याकांड का एक आरोपी बारह वर्ष बाद पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। पुलिस मंगलवार की रात उसे टोलारावतपुरा जिला भिंड से लेकर इटारसी पहुंची। करीब बारह वर्ष पूर्व पुरानी इटारसी का कुलदीप महालहा का अपहरण हो गया था जिसकी लाश सागर जिले में मिली थी। पुलिस के अनुसार आरोपियों के साथ कुछ लेनदेन को लेकर हुए विवाद के बाद उसका अपहरण किया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में पुरानी इटारसी निवासी युवक कुलदीप महालहा का अपहरण हो गया था। कुलदीप की बाइक रेलवे स्टेशन के बाहर रखी मिली थी जबकि उसका कोई पता नहीं था। कुलदीप पिता भिखारीलाल महालहा का परिवार शिक्षा से जुड़ा है, पिता और दादा शिक्षक रहे थे। कुलदीप परिवार का इकलौता चिराग था। उसके इस तरह से अचानक लापता हो जाने से पूरा परिवार परेशान था और शहर में यह चर्चा का विषय था।
सरपंच भी बन गया आरोपी
पुलिस ने बारह वर्ष बाद आरोपी राजू उर्फ राजकुमार पिता मुन्नालाल भारद्वाज 44 वर्ष को ग्राम टोला रावतपुरा, जिला भिंड से गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि फरारी के दौरान आरोपी ने सरपंच का चुनाव लड़कर जीत भी लिया था। यह सरपंची भी कर चुका था। पुलिस की टीम लगातार उसकी खोज में जुटी थी। विवेचना के दौरान दो आरोपी पूर्व में गिरफ्तार किये जा चुके थे। मुख्य शूटर पुरुषोत्तम को गिरफ्तार कर भिंड न्यायालय में पेश किया है, जहां से उसे जेल भेज दिया है। एक आरोपी राजू उर्फ राजकुमार को यहां लाकर न्यायालय में पेश किया है, जहां से उसे जेल भेज दिया है।
यह था मामला
सन् 2008 में शहर के कुलदीप महालहा का अपहरण हो गया था। टीआई के अनुसार कुलदीप की भिंड निवासी चार पांच युवकों से दोस्ती हुई थी। इन लोगों ने कुछ व्यवसाय भी शुरु किया था। लेकिन, इस दौरान विवाद होने पर इन युवकों ने कुलदीप का अपहरण करके फिरौती वसूलने की योजना बनायी और कुलदीप को इटारसी से चार पहिया वाहन में सागर-मालथौन के रास्ते भिंड ले जाने का प्लान था। चूंकि कुलदीप वाहन में भी इनके वश में नहीं आ रहा था अत: इन लोगों ने उसका वहीं कत्ल करके बांद्री थाना अंतर्गत लाश फैककर चले गये थे। सागर पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक की जेब में मिले आई कार्ड के जरिए पहचान की और धारा 302,201, 120 और अपहरण की धारा 364 ए लगाकर डायरी इटारसी भेजी थी। उस वक्त दो आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये थे। शेष दिल्ली भाग गये थे। हाल ही में मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली थी कि आरोपी ग्राम टोला में हैं। तसदीक की और फिर यहां से पुलिस टीम रवाना की गई। टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पांच-पांच हजार का था ईनाम
कुलदीप महालहा हत्याकांड के फरार आरोपियों पर पुलिस ने पांच-पांच हजार का ईनाम घोषित कर रखा था। पहले पुलिस ने कई बार दबिश भी दी। लेकिन, पता चला कि ये लोग दिल्ली तरफ कहीं चले गये थे। वर्तमान में टीआई राघवेन्द्र सिंह चौहान चूंकि उस क्षेत्र में रहे हैं, और अभी भी उस क्षेत्र में कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो इटारसी में पदस्थ रहे थे। पुलिस ने उनकी भी मदद ली। स्थानीय पुलिस ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी में इटारसी पुलिस की खासी मदद की। वहां से इनके विषय में जानकारी मिलने पर यहां से टीम रवाना की गई थी। वर्तमान में टीआई श्री चौहान का मुखबिर तंत्र वहां भी मजबूत था। उन्होंने अपने वहां के अनुभवों का भी लाभ लिया और आखिरकार आरोपियों को बारह वर्ष बाद गिरफ्तार किया जा सका है।