इटारसी। घर में घुसकर मारपीट करने, पूजन सामग्री को तहस नहस करने, धार्मिक भावनाओं को आहत कर धार्मिक अनुष्ठान में विघ्न डालने के आरोपियों को न्यायालय (Court) ने दोषमुक्त किया है। यह फैसला करीब 11 वर्ष बाद आया है। आरोपियों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता संतोष शर्मा (Advocate Santosh Sharma) एवं राकेश उपाध्याय (Rakesh Upadhyay) ने बताया कि न्यायालय में आरोपी, शंकर सिंह आर्य, ओमदेव आर्य, वेदरत्न आर्य और सुदर्शन देव आर्य, जो आर्य समाज मंदिर इटारसी के संचालक हैं, उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 294, 295, 296 व अन्य धाराओं में परिवाद प्रस्तुत किया था। लगभग 11 वर्ष के विचारण के उपरांत आज न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इटारसी ने आरोपीगण के अधिवक्ता के तर्कों को श्रवण के उपरांत परिवादी द्वारा लगाए आरोपों को प्रमाणित नहीं कर पाने से उपरोक्त प्रकरण में आरोपियों को अपने निर्णय में दोषमुक्त घोषित किया। उल्लेखनीय है कि विचारण के दौरान एक आरोपित शंकर सिंह की मृत्यु हो चुकी थी तथा शेष तीन आरोपियोंा को आज दोषमुक्त किया।