रीडिंग हैबिट: रूम में बुक कॉर्नर बनाएं, किताबें करें गिफ्ट बच्चें करेंगे इनसे दोस्ती

Post by: Poonam Soni

इटारसी। लाॅकडाउन (Lockdown) पिछले कई महीनों से बच्चें किताबों को पढना भूल गए है। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक केवल घरों में बच्चों के हाथों में मोबाइल दिखाई देता है। अगर आप बच्चों को किताबो से जोडना चाहते है या फिर उनसे दोस्ती कराना चाहते है तो पैरेंट्स को एक आसान ट्रिक अपनाना होगा। पैरेंट्स किताबें पढ़ने के लिए बच्चों पर तरह.तरह का दबाव तो डालते हैं। लेकिन सही तरीके नहीं अपनाते। बच्चों के लिए एक रीडिंग हैबिट रूम बनाइए, उन्हें बुक्स तोहफे में दिजिए ताकि मोबाइल से ज्यादा उनकी दोस्ती किताबों से हो सकें।

पहले पढ़कर सुनाएं :
इंट्रेस्टिंग किताबें लाएं। पहले खेल-खेल में किताब पढ़कर सुनाएं। इससे बच्चे में धीरे-धीरे पढ़ने की रुचि बढ़ेगी।

इंट्रेस्ट की बुक लाएं :
बच्चों की उम्र के अनुसार उनके इंट्रेस्ट की किताबें लाएं। अपनी पसंद की किताबें पढ़ने का प्रेशर न डालें। इससे उनकी अरुचि और बढ़ेगी।

हेल्पफुल हो सकते हैं न्यूज पेपर :
पढ़ने की आदत डालने में न्यूज पेपर हेल्पफुल (News paper helpful) बन सकते हैं। जब आप अखबार पढ़ें तो बच्चे को भी पास बैठा कर पेपर पढ़ने के लिए प्रेरित करें। नई-नई खबरों के बारे में उससे बात करें। इससे बच्चे की जानकारी भी बढ़ेगी और पढ़ने की आदत भी बनेगी।

गिफ्ट करें किताबें :
बच्चे के बर्थ डे पर या किसी खास मौके पर उसे उपहार के तौर पर किताबें गिफ्ट करें।

लाइब्रेरी फ्रैंडली बनाएं :
बच्चे को लाइब्रेरी ले जाएं। बहुत सारी किताबें देखकर उसकी रुचि जागेगी। बच्चे को अलग-अलग विषयों की किताबों के बारे में बताएं। वहां बैठे बहुत से लोगों को पढ़ते देख बच्चे को भी पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

रूम में बनाएं बुक कॉर्नर :
बच्चे के रूम में एक बुक कॉर्नर बनाएं। जिसमें अलग-अलग विषयों की किताबें रखें। बुक शेल्फ को रोचक तरीके से सजाएं। ये ट्रिक मददगार साबित होगी।

ई-बुक यूज न करें :
बच्चे को ई-बुक यानी मोबाइल, लैपटॉप या टैब से किताबें पढ़ने की आदत बिल्कुल न डलवाएं। कई बार बच्चा पढ़ने का बहाना बनाकर गैजेट्स का मिस यूज भी कर सकता है।

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