Editorial: रेस्ट हाउस की जमीन बेचने की निविदा…क्या उचित कदम है?

Post by: Poonam Soni

इटारसी। प्रदेश सरकार द्वारा रेस्ट हाउस (Rest house) की जमीन बेचने की निविदा निकलने के बाद शहर के अनेक लोगों में इस बेशकीमती भूमि को लेकर चिंता हो गयी है। अहम बात यह है कि शहर को कई योजनाओं के लिए सरकारी भूमि की तलाश है, और जो भूमि सरकार के पास है, वह सरकार बेचने जा रही है। सबको पता है कि शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पर्याप्त भूमि नहीं मिल पाने से इसका लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है और 2022 तक की इस योजना में केवल एक वर्ष का समय बचा है। हमेशा यही कहा गया है कि सरकारी भूमि नहीं होने से इसके स्वीकृत आवास की संख्या पूर्ण नहीं हो पा रही है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग की इस भूमि को बेचना कहां तक उचित है?
बीते कई दशक से शहर में लगभग एक दर्जन बैठकें शहर की पार्किंग व्यवस्था के लिए हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। यह स्थान पार्किंग के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि शहर को कोई भी बाजार इससे आधा किलोमीटर की दूरी से अधिक नहीं है। यहां यदि पैड पार्किंग भी हो सकती तो शासन के खाते में पैसे ही आते। लेकिन, नगर पालिका के जिम्मे यह व्यवस्था छोड़कर हर बार इसमें असफल होने के बाद यह विचार ही फरामोश कर दिया गया। यहां मल्टीलेबल पार्किंग बनायी जा सकती है। इस जगह को पूरी तरह से बेचने के स्थान पर यदि पीपीपी मोड (Ppp mode) पर भी देकर एक विशाल कमर्शियल कॉम्प्लेक्स (Vishal Commercial Complex) बनाया जाता तो अधिक बेहतर होता। इसके चारों ओर दुकानें होतीं और बीच में पार्किंग व्यवस्था। बैंकों के लिए, मीडिया के लिए, अधिवक्ताओं के लिए तथा अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के दफ्तर हो सकते हैं। भूमि बेचने के स्थान पर इसका व्यावसायिक उपयोग होता तो यह संपत्ति सरकार की बनी रहती और इससे आमदनी भी होती जो सरकार के खाते में जाती। बहरहाल, इसके विरोध के स्वर तो उठने लगे हैं। देखना है कि विरोध कितना मुखर होता? विरोध होगा या दबा दिया जाएगा? यह सब भविष्य में सामने आयेगा। लेकिन, इतना अवश्य है कि यह निर्णय शहर को रास नहीं आ रहा है।

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