---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

आरोप प्रत्यारोप के तीर तरकश में रखिए, उम्मीद का दामन थामे रखिए…।

By
On:
Follow Us

झरोखा: पंकज पटेरिया/ यह सच है कि क्रूर कोरोना के दहशतजदा दर्दभीगे माहौल में आज हम बेहद तकलीफदेह अहसास से गुजर रहे हैं। सब तरफ छटपटाती जिंदगियों, कराहों, चीखो, की गूंजें हैं। इस दर्दनाक मंजर के साथ खौफजदा और शर्मसार करता लूटखसोठ, कालाबाजारी, मुनाफाखोरी का गंदा दबंगाई एपिसोड जारी है। मनमानी कीमत पर दवाई देना, ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम वसूलना जैसे हृदयविदारक प्रसंग रोजबरोज दिखाई सुनाई देते हैं। रोजनाम्चा इन्हीं दर्दीले हालातों से तरबतर खुलता और बंद होता है। दूसरी ओर इस विश्वव्यापी संकट का सामना हमारा राष्ट्रीय प्रतापी नेतृत्व और उनकी टीम पूरे दमखम से कर रही है। शासन प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाएं इस चुनौती का मुकाबला मुस्तैदी से कर रही है।

सलाम उन लोगो को: ऐसे मुश्किल दौर में पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ उन लोगों को सलाम करने का मन होता है जो हमारी सलामती के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए इंसानियत की सेवा सुश्रुषा, सुरक्षा और आखिर में सम्मान से चिरविदाई का प्रबंध भी कर रहे हैं। वे डॉक्टर, नर्सेज, विभिन्न शासकीय अशासकीय कर्मचारी और सफाईकर्मियों ने सिसकती मानवता के लिए अपनेआप को झोंक दिया है। अपने अपने तरीके से समाज के विभिन्न तबके के लोग इस काम में प्राणपण से लगे हैं। स्वर्गीय प्रधानमंत्री महाकवि अटलबिहारी वाजपेई जी ने अपनी कविता में क्या ठीक कहा है-
“छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता..”
कितने बड़े मन वाले लोग हैं जो अपने घर परिवार और जीवन की चिंता छोड़ यहां आकर खड़े हो गए हैं और दुनिया को जीतने वाले वीर से बढ़कर खुद को जीतने वाले महावीर हो गए। दूसरी ओर चल रहे शर्मनाक सीरियल पर यह कहना ठीक लगता है कि वक्त की आंखे सब देख रही हैं। इनका हिसाब भी होगा और इनके गुनाहों की सजा भी मुकर्रर हो चुकी है। ऊपर वाले लाठी में आवाज नही होती। हमारे लिए जरूरी है कि हम उम्मीद का दामन थामें रखें। इस ज्योति को निरंतर संभाले रखें। क्योंकि किसी ने कहा है “Hope is the heart of life, let spread hope, happiness and goodness.”
सरस्वती स्कूल शाजापुर के भूतपूर्व छात्रों ने इसी उम्मीद की शम्मा जलाकर एक वीडियो बनाया है जिसका ध्येयमंत्र है “लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं, हमने उस माहौल में जीने की कसम खाई है” जगजाहिर है कि कोई भी दुख मनुष्य की हिम्मत से बड़ा नहीं होता। हारिए न हिम्मत बिसारिए न राम।
विश्वप्रसिद्ध आर्टिस्ट चार्ली चैपलिन ने कहा है “आप चांद को देखिए ईश्वर के सौंदर्य का दर्शन होता है, सूर्य को देखिए सर्वशक्तिमान परमात्मा की शक्ति का अनुभव होता है और आप आईने को देखते हैं तो आपको ईश्वर के बेस्ट क्रिएशन यानी सर्वोत्तम रचना का दर्शन होता है और वह है ‘आप’। आपके सच्चे और अच्छे मित्र हैं सूर्य, प्रकाश ,अच्छी सोच, आत्मविश्वास और परमसत्ता पर भरोसा। दिवंगत कवियित्री वंदना सक्सेना ने लिखा है, “राम ने कभी नहीं किया विश्राम। यदि विश्राम करते तो वे कभी नहीं कहलाते मर्यादा पुरुषोत्तम राम। अपने हृदय में बैठे अपने राम के प्रति अटल आस्था रखिए। आपको दो मोर्चे पर डट कर मुस्तैदी से ऐसे तत्वों को मुहतोड़ जवाब देना है जो हमारी प्रगति की विश्वव्यापी छा रहे प्रभामंडल से बौखलाए हुए हैं और देश के माहौल को खराब करने पर आमादा हैं। दूसरा मोर्चा कविवर राजेंद्र अनुरागी की इन पंक्तियों में चरितार्थ होना चाहिए
“आज मेरा देश सारा लाम पर है,
जो जहां है वो वतन के काम पर है..”

pankaj pateriya

पंकज पटेरिया, वरिष्ठ पत्रकार/कवि
संपादक : शब्दध्वज
मोब.- 9893903003
9407505691

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.