---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

Editorial: अब तो चमक-दमक लौटा दो मां लक्ष्मी

By
On:
Follow Us

वर्ष 2020! न सिर्फ कारोबार के लिहाज से, बल्कि हर मामले में खराब गुजरा है। कारोबार ठप, रोजगार छिन गये, राजनीति का स्तर निम्नतम तक पहुंच गया। गरीब, लाचार परेशान होते गये, जिनके पास भरपूर जमापूंजी थी, थोड़े सुकून में रहे, थोड़ी जमापूंजी वाले कुछ दिन ठीक रहे, लेकिन चिंता के साथ जिंदगी चली कि जमापूंजी खर्च होती गयी और जेब खाली होगा तो क्या होगा। मजदूर के पास तो अपना श्रम ही पूंजी थी। कारखाने बंद हो गये तो ये पूंजी भी कुछ काम नहीं आयी। सोचा कि घर लौटकर जो मिलेगा, वही करेंगे। लेकिन, अपने गांव में भी कुछ हासिल नहीं हुआ। खेतिहर मजदूर बनने का सपना भी धराशायी हो गया, क्योंकि इसका अनुभव नहीं था।

यह कहा जाए कि लगभग पूरा 2020 का साल दुनियाभर के लिए खराब गुजरा है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। लेकिन, भारत में उम्मीदें बाकी हैं, क्योंकि यह त्योहारों का देश है। यहां कारोबारी दृष्टि से बहुत जल्द स्थापित हो सकता हैं। नवरात्रि, दशहरा तो हालांकि अपेक्षित नहीं दे पाया। लेकिन, कुछ राहत अवश्य दे गया है। अब सवाल यह है कि त्योहारी सीजन की बदौलत क्या अब जाते-जाते 2020 भारतीय बाजार को कुछ संतोषजनक दे पाएगा? फिलहाल, दीवाली आने के साथ कारोबारियों की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोटर व्हीकल, सराफा, कपड़ा, फर्नीचर जैसे कारोबार में उठाव देखने को मिल सकता है तो छोटे कोरोबारी जो त्योहारी बाजार करते हैं, उनको भी पिछले आठ माह की मायूसी भरे दिनों से बाहर आने की उम्मीदें हैं।

शहर का बाजार मुख्यत: कृषि पर आधारित है और इस वर्ष धान, सोयाबीन सहित अन्य अनाज की अच्छी उपज होने से स्थानीय बाजार को बड़ी उम्मीदें हैं। यहां आर्डनेंस फैक्ट्री, रेलवे, सीपीई और पावर ग्रिड जैसे केन्द्रीय संस्थानों की बदौलत बाजार में चमक रहने की उम्मीदें हैं। दीपावली की तैयारियों के लिहाज से देखें तो हकीकत यह है कि अब भी कई लोग सजावट आदि पर अधिक खर्च के मूड में नहीं हैं। अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, और अभी पुराना वक्त कब तक लौटेगा, इस संदेह में लोग अधिक से अधिक बचत कर रहे हैं। बहुत से लोगों की नौकरियां गई हैं, कब बदलाव होगा, अच्छी आमदनी होगी, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस लॉकडाउन काल में बड़ी संख्या में लोगों का वेतन कम हुआ है तो कई की नौकरी भी चली गयी है। कई संस्थानों ने अपने बहुत से कर्मचारियों छुट्टी पर भेज दिया था, कुछ वापस लौटे हैं, तो बहुत लोग अब भी लौटे नहीं हैं, वे बेकार बैठे हैं तो जाहिर है, इसका असर उनकी आमदनी पर पड़ा है। ऐसे लोगों से बड़ी खरीदारी की उम्मीद करना भी बेमानी है। तो फिर सवाल यह है कि बाजार का हाल कैसे सुधरेगा, कैसे चमक-दमक लौटेगी? अनुमान यह लगाया जा रहा है कि लोगों ने जो बचत की है, उसका एक बड़ा हिस्सा वो त्योहारों में खर्च कर सकते हैं, केन्द्रीय कर्मचारियों को जो बोनस की उम्मीदें हैं, उससे खरीदारी हो सकती है। लेकिन ये उम्मीद ही है, आगामी समय में वास्तविकता के धरातल पर क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें लगी हैं, फिलहाल उम्मीदें ही हैं जो ऊंचाईयों तक ले जाये या फिर अभी भी धरातल पर ही रहना पड़े।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.