Tag: editorial

Editorial : ओमिक्रॉन का खतरा और ये लापरवाही

- रोहित नागे : दुनियाभर में कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ रहा है। यह कोरोना के दूसरे चरण में तबाही मचा चुके डेल्टा वेरिएंट से सात गुना तेजी से फैलता ... Read More

Editorial : अच्छे और बुरे तजुर्बो का साल 2020!

साल 2020! शायद आपसे कहें कि यह वर्ष भुला दो, तो जवाब होगा, नहीं भुलाया जा सकेगा। एक सदी बाद पुन: आयी वैश्विक महामारी ने कई तजुर्बे दे दिये। (और ज्यादा…) Read More

Editorial : आचरण सुधारें, अन्यथा हीरो से जीरो बनने में देर नहीं लगती

सोचकर भी हैरानी होती है, जो करोड़ों दिलों के हीरो होते हैं, क्या वे इतना भी ज्ञान नहीं रखते कि नियम क्या हैं? पिछले दिनों मुंबई में कोरोना का प्रोटोकाल तोड़ते हुए सुरेश ... Read More

Editorial: चाहे जो भी हो, अंतत: जीतना हमें ही है

कोरोना की तीसरी लहर प्रारंभ हो गयी है। अभी तक यह माना जा रहा था कि कोरोना विदाई की बेला में है और अब जल्द ही इस पर जीत की घोषणा होने वाली ... Read More

Editorial: अब तो चमक-दमक लौटा दो मां लक्ष्मी

वर्ष 2020! न सिर्फ कारोबार के लिहाज से, बल्कि हर मामले में खराब गुजरा है। (और ज्यादा…) Read More

Editorial: नारी पूजनीय तो अत्याचार क्यों?

भारत नारियों के सम्मान का देश है। लेकिन, चंद वहशियों के कारण उसका यह तमगा इसलिए छीना जा सकता है, क्योंकि नारियों पर होने वाले अत्याचार, दैहिक शोषण और अन्य उत्पीडऩ पर समाज ... Read More

Editorial: देश हो रहा अनलॉक, कोरोना को लॉक करने दिखाना होगा समझदारी

देश अनलॉक हो रहा है, लेकिन कोरोना को लॉक करने का वक्त आ गया है। बीते आठ माह से देश लक्ष्मण रेखा के भीतर रहकर डरा-डरा सा जी रहा है। अब अनलॉक का ... Read More

Editorial : आखिर कब तक निंदा करेंगे, कैंडल लेकर घूमेंगे हम?

आजादी के सात दशक बीतने पर भी हम देश की आधी आबादी को पर्याप्त सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सके हैं, यह घोर निंदनीय और चिंतनीय विषय हो चला है। (और ज्यादा…) Read More

बहुरंग : बौने होते संपादकीय, गायब होता पत्र-लेखन

- विनोद कुशवाहा एक समय था जब अखबार में सबसे पहले संपादकीय वाला पृष्ठ खोला जाता था क्योंकि संपादकीय समसामयिक विषयों पर केन्द्रित होते थे बल्कि यूं कहा जाए कि कुछ अखबार तो ... Read More

error: Content is protected !!